लखनऊ में संगीत नाटक एकेडमी के संत गाडगे ऑडिटोरियम में शुक्रवार को कई सुंदर कथक परफॉर्मेंसेस देखने को मिलीं। मौका था यूपी संगीत नाटक एकेडमी, यूपी संस्कृति विभाग और कथक केंद्र द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य कार्यशाला के समापन का।
समारोह में मुख्य आकर्षण विशेष सचिव संस्कृति अमरनाथ उपाध्याय और रागिनी उपाध्याय सृजित ध्वज गीत “हे भारत भू के मान प्रवर” की कथक प्रस्तुति रही। इस मौके पर इस ध्वजगीत को तैयार करने वाले कलाकारों को सम्मानित भी किया गया। ध्वज गीत पर कथक प्रस्तुति श्रुति शर्मा, मंजू मलकानी और नीता जोशी के नृत्य निर्देशन में पेश की गई। जिसमें प्रियम यादव, अनिमेष सिंह, गौरी शुक्ला, विदुशी शुक्ला, सानवी सक्सेना, ऐशनी पाठक ने अपने लाजवाब कथक नृत्य से लोगों की तारीफें बटोरीं।
कार्यक्रम की शुरुआत कृष्णा स्तुति से हुई। जिसमें “अच्युतम केशवम” भजन पर प्रतिभागियों ने पारंपरिक कथक के तहत टुकड़े, परमेलु, तिहाई, रंगमंच के टुकड़े के साथ राग मिश्र बिलावल और तीनताल में मनमोहक प्रस्तुति दी। श्रुति शर्मा के निर्देशन में हुई इस सुंदर प्रस्तुति में बाल कलाकार वृंदा, अनन्या, नव्या और मनस्वी आदि शामिल रहे।
इसके बाद नीता जोशी के निर्देशन में “परंपरा” के तहत “सरस्वती वंदना” पेश की गई। तीन ताल में रंगमंच के टुकड़े के साथ कलाकारों ने तिहाई, परन, परमेलू आदि को मधुर अंदाज में दर्शाया। इसमें ईशान्वी यादव, आश्रिता यादव, कोमल यादव, आरती यादव व हिमानी आदि ने प्रस्तुती से दर्शकों का दिल जीता।
मंजू मलकानी के निर्देशन में कृष्ण की लीलाओं के अंतर्गत द्रौपदी चीरहरण के प्रसंग को प्रदीप यादव, खुशी रस्तोगी, शौर्य शुक्ला, पूर्णिमा पाठक आदि ने कथक के माध्यम से दर्शाया। जिसे देख दर्शक ताली बजाने से खुद को रोक नहीं पाए।
इसके अलावा नीता जोशी के निर्देशन में ठुमरी “आओगे जब तुम ओ साजना” को राग तिलक कामोद में पेश किया गया। खास बात ये रही कि इसमें बच्चों के अभिभावकों ने भी उत्साह के साथ भाग लिया। जिनमें प्रीति, पूजा रमन, सुनीता रमन, डॉ.अनामिका, रत्ना आस्थाना आदि ने अपनी परफॉर्मेंस से तारीफें बटोरीं।