यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर बेहद अजीबोगरीब स्थित देखने को मिल रही है। दरअसल अभी कुछ दिन पहले ही अपर निर्वाचन आयुक्त की ओर से चुनाव के लिए वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के कार्य संबंधी बात कही गई थी लेकिन अब आयोग की ओर से एक और पत्र जारी करते हुए अपने पुराने आदेश को ही रद्द कर दिया गया है। ऐसे में अब राज्य में पंचायत चुनाव के टलने के कयास पुख्ता हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा की ओर से बीती 19 अगस्त को एक पत्र जारी किया गया था। जिसमें सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित कर यह कहा गया था कि आयोग पंचायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट के पुनर्निरीक्षण का कार्य एक सितंबर से शुरू करने पर विचार कर रहा है।
हालांकि इस पत्र को जारी करने के कुछ घंटों बाद ही यह पत्र उसी दिन वापस ले लिया गया। बताया जा रहा है कि यह पत्र राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के निर्देश पर वापस लिया गया है। हालांकि आयोग का यह कहना है कि यह पत्र भूलवश जारी हुआ था। ऐसे में अब पंचायत चुनाव के समय पर पूरा होने पर असमंजस बरकरार है और इसका टलना लगभग तय माना जा रहा है।
आपको बता दें कि राज्य में ग्राम प्रधानों का कार्यकाल इसी साल 25 दिसंबर को पूरा हो रहा है और ऐसे में पंचायत चुनाव की तैयारियां अब शुरू हो जानी चाहिए थीं। क्योंकि अगस्त का महीना लगभग बीतने को है और चुनाव से पहले होने वाले सभी काम जैसे शहरी क्षेत्र में शामिल हो चुकी पंचायतों के बाद अन्य सभी बचे हुए क्षेत्रों का परिसीमन और वोटर लिस्ट के पुनर्निरीक्षण का कार्य सितंबर और नवंबर इन दो महीनों में पूरा होना मुश्किल माना जा रहा है। क्योंकि कोरोना महामारी के चलते यह काम पूरा करना मुश्किल है।