पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) से ‘इस्लामोफोबिया (Islamophobia) से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ घोषित करने और संकट को खत्म करने के लिए एक गठबंधन बनाने का आग्रह किया है.
शाह महमूद कुरैशी ने वीडियोकॉल के जरिए यूनाइटेड नेशंस अलायंस ऑफ सिविलाइजेशन की बैठक को संबोधित करते हुए इस्लामोफोबिया के बढ़ने का मुख्य कारण सोशल मीडिया को बताया.
कुरैशी ने कहा, ‘बोलने की स्वतंत्रता किसी व्यक्ति को दूसरों का अपमान करने या चोट पहुंचाने की स्वतंत्रता नहीं देती है. धर्म या विश्वास के आधार पर राज्य प्रायोजित हिंसा सबसे चिंताजनक है.’
करतारपुर कॉरिडोर का किया जिक्र
यूनाइटेड नेशंस अलायंस ऑफ सिविलाइजेशन के कामों की तारीफ करते हुए शाह महमूद ने कहा कि दुनिया धार्मिक विश्वासों के आधार पर असहिष्णुता, भेदभाव, नस्लवाद, घृणास्पद भाषण और हिंसा के दौरान शांति के लिए इस संस्था के काम को अनुभव करती है.
इस दौरान कुरैशी ने देश और दुनिया भर में धार्मिक सहिष्णुता, समझ और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने पिछले साल भारत और अन्य जगहों से सिख तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोलने का फैसला किया, जो कि मील का पत्थर साबित होगा.
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, शाह महमूद कुरैशी ने एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (ASEAN) रीजनल फोरम (ARF) के सदस्यों से क्षेत्र और दुनिया भर में ‘इस्लामोफोबिया’ के उदय और चरमपंथी प्रवृत्ति के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया था.