कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है. ऐसा ही कुछ एक खिलाड़ी ने कर दिखाया है. खराब फॉर्म और चोट की वजह से उसे टीम से बाहर का रास्ता देखना पड़ा. इस दौरान कभी कमर में खिंचाव का सामना करना पड़ा तो कभी पसली टूट गई. इस वजह से दो साल तक क्रिकेट से दूर हो गया. टीम का कॉन्ट्रेक्ट भी हाथ से निकल गया. लेकिन फिर घरेलू क्रिकेट में जाकर मेहनत की और इंटरनेशनल क्रिकेट में दमदार की. यह खिलाड़ी है पाकिस्तान (Pakistan) के तेज गेंदबाज हसन अली (Hasan Ali). उन्होंने पाकिस्तानी टीम में वापसी के लिए काफी पसीना बहाया और दिक्कतों को पार किया. अब वे टीम के लिए धूम मचा रहे हैं और लगातार विकेट ले रहे हैं.
हसन अली शरीर के अलग-अलग हिस्सों की चोट के चलते पाकिस्तान टीम से बाहर हुए. इस वजह से 2019 और 2020 में खेल नहीं सके. इस दौरान वे पाकिस्तान के फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट कायदे आजम ट्रॉफी में सेंट्रल पंजाब की ओर से खेलते रहे. उन्होंने नौ मैच में 20.06 की औसत से 43 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ दी टूर्नामेंट रहे. सेंट्रल पंजाब ने खिताब जीता. फाइनल मैच में हसन अली ने पांच विकेट लेने के साथ हा शतक भी लगाया. इस प्रदर्शन के बाद उनकी पाकिस्तानी टीम में वापसी हुई. वापसी के बाद पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन किया. रावलपिंडी टेस्ट में उन्होंने 10 विकेट लिए और पाकिस्तान को 2003 के बाद पहली बार टेस्ट सीरीज जिताने में अहम योगदान दिया. फिर जिम्बाब्वे के खिलाफ निर्णायक टी20 मैच में उन्होंने 18 रन देकर चार विकेट लिए और सीरीज पाकिस्तान की झोली में डाल दी. अब हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ नौ विकेट लिए और पाकिस्तान को पारी से जीत दिलाई.
लेकिन वापसी से पहले कई तरह की समस्याओं से हसन अली लड़े. उन्होंने ग्रोइन, कमर और पसलियों की चोटों का सामना किया. इनकी वजह से बिस्तर पर ही पड़े रहे. लगातार टीम से बाहर रहने के चलते पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट हाथ से निकल गया. हालांकि बोर्ड के वेलफेयर फंड से मंथली रिटेनर फीस मिलती रही. पीसीबी ने ही उनके इलाज का पैसा भी भरा. हसन अली की ऑस्ट्रेलिया में सर्जरी होनी थी लेकिन कोरोना की वजह से ऐसा हो नहीं पाया. तो वीडियो सेशन के जरिए चोट से उबरने की कोशिश की. इस समय के बारे में उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफो को बताया,
एक समय ऐसा आया जब मैंने सब कुछ खो दिया था. यह काफी मुश्किल सफर था. मैं दो साल तक क्रिकेट से दूर रहा. कई चोटों से लड़ता रहा लेकिन फिट होने के बाद वापस खेलने लगा. वह मुश्किल समय था और मैं कई बार रोया करता था. लेकिन एक चीज मैंने हमेशा याद रखी कि कड़ी मेहनत करना है. क्योंकि वही मेरे हाथों में था. मेरा एक ही लक्ष्य था कि वापसी करना है जिससे दुनिया मुझे याद रखे.
वापसी करने में पूर्व क्रिकेटर और तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने भी उनकी काफी मदद की. उन्होंने ही मुश्किल समय में हसन अली को सहारा दिया और वापसी के लिए प्रेरित किया. 26 साल के हसन ने अभी तक 12 टेस्ट में 52, 54 वनडे में 83 और 36 इंटरनेशनल टी20 मैचों में 48 विकेट लिए हैं.