पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दुनिया भर में घूम-घूमकर भीख का कटोरा लिए आर्थिक सहायता मांगने से विशेषज्ञ उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। जबकि उनकी बेहिसाब कर्ज लेने की इसी आदत ने पाकिस्तान के लोगों को महंगाई के बोझ तले दबा दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञ शब्बीर चौधरी ने अपने ब्लाग में लिखा है कि पाकिस्तान हाथ में भीख का कटोरा लिए एक बार फिर एक बड़े कठिन दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद से इमरान खान ने धन जुटाने की अपनी कला बहुत अच्छा उपयोग किया है और इसलिए वह कभी भी अपना भीख का कटोरा वापस खाली लेकर नहीं लौटे हैं।
चौधरी ने इमरान खान के धन जुटाने की जुगत का मजाक बनाते हुए कहा, ‘इस आदमी के पास धन उगाही का अच्छा अनुभव है। यह स्मार्ट, बात मनवाने में उस्ताद और शातिर हैं।’सात दशकों से गरीबों के लिए धन जुटा रहे विश्व विख्यात संगठन इद्दि फाउंडेशन का उदाहरण देते हुए विशेषज्ञ चौधरी ने कहा कि इमरान खान इद्दि फाउंडेशन के प्रमुख फैसल इद्दि से मिले और उन्हें गरीबों के लिए धन मुहैया कराने के बजाय उनसे ही एक करोड़ रुपये झटक लिए।
इमरान खान का माखौल उड़ाते हुए चौधरी ने कहा कि इससे साबित होता है कि वह कितने बड़े फंड रेजर हैं। अब वह बहुद्देशीय कार्यक्रम के साथ चीन के दौरे पर इसी हफ्ते जाने वाले हैं। इस बार वह चीन से धन मांगने के साथ ही रूस और कजाखस्तान से भी रकम की देने की अपील करने वाले हैं। वह तीन अरब डालर चीन से और रूस और कजाखस्तान से एक-एक अरब डालर मांगने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही चौधरी ने कहा कि धन उगाहने के अलावा, इमरान खान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के साथ उस पर भरोसा करने के लिए चीनियों को लुभाने की कोशिश करेंगे। जो कि पाकिस्तानी सरकार की रुचि की कमी, गैरजिम्मेदारी और गलत नीतियों के कारण गंभीर हालातों में है।