(PoK) में चल रहे प्रदर्शनों के बीच सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उच्चस्तरीय बैठक की

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चल रहे प्रदर्शनों के बीच सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में POK के पीएम अनवारुल हक,PML-N के नेता राजा फारूक हैदर , कश्मीर मामलों के मंत्री अमीर मुकाम और कई प्रमुख राजनेता शामिल हुए। बैठक में POK के खराब हालातों पर चर्चा हुई। इसके बाद पीएम शरीफ ने POK के लिए 23 अरब पाकिस्तानी रुपए ( 718 करोड़ हिंदुस्तानी रुपए) के पैकेज की घोषणा की है।
जबकि PoK में बढ़ती मंहगाई और बिजली की कीमतों को लेकर आज भी लगातार चौथे दिन प्रदर्शन जारी है। रविवार को जम्मू कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) की PoK सरकार के साथ बातचीत विफल रही थी। इसके चलते आज प्रदर्शनकारी JAAC के नेतृत्व में रावलकोट से PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद तक लॉन्ग मार्च कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कोहाला- मुजफ्फुराबाद रोड को बंद कर दिया। ये सड़क 40 किलोमीटर लंबी है और कोहाला शहर को मुजफ्फराबाद से जोड़ती है। हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 100 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हैं। इनमें ज्यादातर पुलिसवाले हैं। हालातों को काबू में लाने के लिए पाकिस्तान की पैरामिलिट्री के रेंजर्स को तैनात किया गया है।
PoK में चल रहे प्रदर्शनों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि “एक दिन हम PoK पर अवैध कब्जे को खत्म करवा देंगे और PoK को भारत में शामिल करेंगे।” मुंबई में एक सेमिनार में पहुंचे जयशंकर ने मीडिया के सवालों का जबाव दिया।
उन्होंने कहा, “इन दिनों, PoK पर काफी कुछ चल रहा हैं। आपने वहां कुछ घटनाएं होती देखी होंगी। मोदी सरकार और संसद इस मुद्दे पर बहुत स्पष्ट हैं। संसद में भी हम कह चुके हैं कि PoK भारत का हिस्सा है,हिस्सा था, यह भारत का हिस्सा रहेगा।”पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हिंसक झड़पों को लेकर चिंता जाहिर की है। शरीफ ने कहा कि ” बातचीत, शांतिपूर्ण धरने और बहस लोकतंत्र की खूबसूरती है। हालांकि, हम उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं।” शहबाज शरीफ के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी PoK में बने हालातों को सुधारने के लिए मीटिंग बुलाई है, जिसमें उन्होंने प्रस्ताव मांगे हैं।
रविवार को मुजफ्फराबाद और पुंछ संभागों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट और व्यापारिक केंद्र बंद रहे। मीरपुर में आंशिक हड़ताल रही। POK सरकार और JAAC के बीच बातचीत विफल होने के बाद रावलकोट के एक नेता ने कहा है कि सरकार प्रदर्शनों को रोकने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रही है।
इस मीटिंग में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अलग-अलग जिलों के काउंसलर्स पहुंचे थे। मीटिंग में शामिल हुए रावलकोट के काउंसलर सरदार उमर नाजिर ने कहा कि वह सिर्फ आश्वासन से अपने प्रदर्शन नहीं रोकेंगे। जब तक उनकी मांगों को लेकर अधिसूचना जारी नहीं होगी, प्रदर्शन चलता रहेगा।
नाजिर ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने किसी भी मुद्दे पर एक भी अधिसूचना जारी नहीं की है। सरकार बातचीत के नाम पर सिर्फ टाल-मटोल, देरी की रणनीति, झूठ और धोखाधड़ी कर रही है।
तनाव को देखते हुए PoK में धारा 144 लागू है। PoK की सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर इकट्ठा होने, रैली और जुलूस निकालने पर बैन लगाया है। वहां के कई इलाकों जैसे भिंबेर, बाघ टाउन, मीरपुर में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई हैं।
चार दिन पहले Pok में रोजमर्रा की चीजों के बढ़ते दामों को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए थे। लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस के अधिकारों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया था। जिसके कारण महिलाओं और स्कूली बच्चों को चोट लगी थी। पाकिस्तान पुलिस के वीडियो भी वायरल हुए थे।
पुलिस की हिंसा के बाद लोगों ने और प्रदर्शनों का ऐलान कर दिया। वो सड़कों पर उतरे। पुलिस ने जब फिर से उन पर प्रदर्शनकारियों पर लाठी चलाना शुरू किया तो वे उग्र हो गए। उन्होंने पलटवार में पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में 1 पुलिसकर्मी की मौत हो गई, वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
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पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बीच देश की आर्थिक हालात खराब हो चुकी। यहां महंगाई दर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पाकिस्तान की जनता भुखमरी और बेरोजगारी से परेशान है। देश में रोजमर्रा की जरूरत के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं।2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है।
इसी कारण PoK में पिछले महीने भी लोगों ने बढ़ती महंगाई के विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान लोगों ने सड़कों पर उतरकर महंगाई के खिलाफ नारेबाजी की थी। दूसरी तरफ, PoK में खराब स्थिति को लेकर पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने ये बात मानी है कि वहां लगातार मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है।