तालिबान ने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टी.टी.पी.) का मुद्दा अफगानिस्तान को नहीं बल्कि पाकिस्तान की सरकार को हल करना चाहिए। यह पाकिस्तान और उसके उलेमा और धार्मिक शख्सियतों पर निर्भर है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शनिवार रात जियो न्यूज को दिए साक्षात्कार में यह टिप्पणी की। यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान पाकिस्तान से संघर्ष में शामिल नहीं होने के लिए टी.टी.पी. से बात करेगा, मुजाहिद ने कहा कि देश की भावी सरकार इस पर विचार करेगी परंतु हमारा सैद्धांतिक रुख यही है कि हम किसी और के देश में शांति नष्ट करने के लिए अपनी धरती का उपयोग किसी को नहीं करने देंगे।
उन्होंने जोर दिया कि अगर टी.टी.पी. अफगान तालिबान को अपना नेता मानता है तो उसे उनकी बात सुननी होगी, चाहे वह इसे पसंद करे या नहीं। अफगानिस्तान में सरकार के गठन के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि इस संबंध में अभी प्रयास जारी हैं, लेकिन कुछ छोटी बाधाएं विलंब की वजह बन रही हैं। सबसे पहले अचानक काबुल में प्रवेश करना और इस तरह शासन संभालना अप्रत्याशित था।