पाकिस्तान चीन से फिर लिया लोन , विदेशी मुद्रा भंडार के संकट में मिलेगी मदद

दूसरों के रहमों-करम पर टिके पाकिस्तान की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। देश की अर्थव्यस्था बुरी तरह चरमा चुकी है। रोजमर्रा जैसी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान दिवालिया घोषित हो जाए। इस भयावह संकट के बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने आका चीन से भारी-भरकम लोन लिया है। शुक्रवार को सरकार के एक मंत्री ने दावा किया कि चीनी बैंकों से उसे 2.3 बिलियन डॉलर की मदद मिली है, जो उसके विदेशी मुद्रा भंडार संकट को मदद देगी।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने शुक्रवार को कहा कि चीनी बैंकों के यूनियन से 2.3 बिलियन डॉलर का ऋण मिला है, जो केंद्रीय बैंक के खाते में जमा किया गया है। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 15 अरब पाकिस्तान रुपया (करीब 2.3 अरब डॉलर) का चीनी ऋण आज स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के खाते में जमा कर दिया गया है। इससे हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है।”
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के अनुसार, उसका लिक्विड विदेशी भंडार 17 जून को 14.21 अरब डॉलर था, जो 10 जून को 8.99 अरब डॉलर रह गया था। इस्माइल का यह बयान दो दिन बाद आया है जब उन्होंने घोषणा की थी कि चीनी बैंकों ने पाकिस्तान के साथ एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के लिए चीनी सरकार को भी धन्यवाद दिया था।
उधर, पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भी चीनी नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के लोग अपने सदाबहार दोस्तों के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान में हालात दिन-ब-दिन मुश्किल होते जा रहे हैं। अब यहां पर अर्थव्यवस्था चलाना मुश्किल हो रहा है। इसके लिए सरकार तरह-तरह के इंतजाम करने में जुटी है। इसी के तहत प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अब वह अमीरों पर 10 फीसदी सुपर टैक्स लगाएगी। इसके अलावा लार्ज स्केल इंडस्ट्रीज को भी सुपर टैक्स के दायरे में रखा गया है।