भारत ने पाकिस्तान द्वारा वाघा सीमा के जरिये अफगानी वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देने को सद्भावना की आड़ में दुनिया की आंखों में धूल झोंकने का एक और उदाहरण करार दिया है। साथ ही गुलाम कश्मीर में दियामेर भाषा बांध के निर्माण पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘पाकिस्तान अफगानी ट्रकों को अफगानी वस्तुएं ले जाने की अनुमति नहीं दे रहा है बल्कि एकाधिकार परिवहन व्यवस्था की कोशिश कर रहा है। वह अफगानिस्तान को दोनों तरफ से पारगमन के अधिकार नहीं दे रहा है जैसा कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान पारगमन व्यापार समझौते के अनुच्छेद-3 में प्रतिबद्धता जताई गई है। लिहाजा पाकिस्तान भारत और अन्य देशों के उत्पादों पर रोक लगाकर अफगानिस्तान को पूर्ण पारगमन से इन्कार करके बाजार को बंधक बनाने की नीति अपना रहा है।’
चीन के सहयोग से गुलाम कश्मीर में दियामेर-भाषा बांध के निर्माण पर प्रवक्ता ने कहा, ‘पूरा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। हमने इस बांध के निर्माण के खिलाफ पाकिस्तान सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।’
ईरान में चाबहार-जाहेदान रेल परियोजना को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले में ईरानी पक्ष को बकाया तकनीकी और वित्तीय मसलों को अंतिम रूप देने के लिए किसी कंपनी को अधिकृत करना था, जिसकी हम प्रतीक्षा कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टो में दावा किया गया था कि भारत को इस परियोजना से हटा दिया गया है। दक्षिण चीन सागर के मसले पर श्रीवास्तव ने कहा, ‘इस मसले पर हमारी स्थिति स्पष्ट और एक जैसी रही है। दक्षिण चीन सागर वैश्विक कॉमन का हिस्सा है और क्षेत्र में शांति व स्थिरता में भारत के स्थायी हित हैं।’
प्रवक्ता ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत 6.87 लाख से ज्यादा भारतीय विदेश से लौटे हैं। इनमें से 1,01,014 नागरिक नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से सड़क के रास्ते आए हैं। जबकि 3,789 नागरिक मालदीव, श्रीलंका और ईरान से भारतीय नौसैनिक जहाजों से लाए गए हैं। वर्तमान में वंदे भारत मिशन का चौथा चरण चल है जिसमें 15 से 31 जुलाई के बीच करीब 120 उड़ानों को बढ़ाया गया है।
ओली के बयान पर कहा, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से दुनिया परिचितनेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा अयोध्या और भगवान राम पर की गई विवादित टिप्पणी पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से पूरी दुनिया परिचित है। उन्होंने कहा कि नेपाली विदेश मंत्रालय स्पष्टीकरण जारी कर चुका है और अब वह इस मामले में और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।