प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई पार्टी प्रमुखों की बैठक में भले ही एक देश, एक चुनाव का मुद्दा दब गया हो, लेकिन संसद और सांसदों की गरिमा बढ़ाने, नए संसद भवन पर विचार करने, स्वच्छता-योग अभियान की तर्ज पर जल संरक्षण अभियान चलाने पर सहमति बनी।
बैठक में सदन में नेताओं ने हंगामे के दौरान सीधा प्रसारण बंद करने, वेतन-भत्ते में कटौती और दलबदल कानून पर 90 दिनों में फैसला देना बाध्यकारी बनाने पर गंभीर मंथन हुआ। इनमें से कई मुद्दों पर पीएम ने सहमति भी दी।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने नया संसद भवन बनाने और सांसदों के लिए संसद भवन में कमरा उपलब्ध कराने के साथ कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी की मांग की।
ओवैसी ने कहा कि वर्तमान संसद भवन में सांसदों को बैठने के लिए जगह नहीं है। जरूरी हो तो सरकार राष्ट्रपति भवन की जमीन हासिल कर नया संसद भवन बनाए। इस पर पीएम ने सहमति जताई और विचार करने का आश्वासन दिया।
अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल ने स्वच्छता और योग अभियान की तर्ज पर जल संरक्षण अभियान चलाने की सलाह दी। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर स्वराज को गांव तक पहुंचाने पर जोर दिया।
इस पर पीएम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को मूल रूप से संभालने वाले पश्चिम भारत और मध्य भारत के 226 जिलों में पानी की स्थिति अत्यंत गंभीर है। उन्होंने इस दिशा में सरकार की ओर से तेज प्रयास करने के साथ-साथ बड़ा सामाजिक अभियान चलाने पर भी सहमति जताई।
बैठक में टीआरएस के रामाराव और आंध्रप्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने संसद की गरिमा बढ़ाने पर जोर दिया। रामाराव ने हंगामे के दौरान टीवी पर सीधा प्रसारण रोकने और बिना वजह हंगामा करने वाले सांसदों के वेतन भत्ते में कटौती की सलाह दी।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, जबकि रेड्डी ने कहा कि दलबदल कानून में संशोधन कर दलबदल से जुड़े मामले पर 90 दिन के अंदर फैसला देने को बाध्यकारी बनाया जाना चाहिए। पीएम ने इस मुद्दे पर भी विमर्श की सहमति दी।
पीएम ने कहा कि बैठक के जो भी मुद्दे हैं जरूरी नहीं कि उसका हल आज ही निकल जाए। मगर बैठक में शामिल एजेंडे पर आगे बढ़ना वक्त की जरूरत है। मैं सभी पक्षों की राय से इन मुद्दों पर आम सहमति बनाने का प्रयास कर रहा हूं।