अफगानिस्तान को दूसरे देशों से मानव संसाधन की जरूरत नहीं है उसके पास प्रशिक्षित और कुशल लोग हैं जिन्होंने देश व विदेशों से शिक्षा ली है। दरअसल अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई (Hamid Karzai) ने यह जवाब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को दिया। बता दें कि इमरान खान ने कहा था कि इस्लामाबाद ने अपने अधिकारियों से प्रशिक्षित मैनपावर को काबुल भेजने का निर्देश दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में तालिबान की अगुआई वाली सरकार पेशेवर कुशल कर्मचारियों की कमी का सामना कर रही है। सरकारी पदों पर अधिकारियों के पास पेशेवर दक्षता का अभाव है। स्थानीय मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी। कि कई लोग पाकिस्तान के सबसे पुराने और बड़े इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में से एक दारुल उलूम हक्कानी मदरसा से स्नातक हैं। उन्हें सरकारी नौकरी दी गई है, लेकिन उनके पास तकनीकी कौशल नहीं है। इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने टोलो न्यूज से कहा है, ‘हम न्यूयार्क टाइम्स की उस रिपोर्ट को खारिज करते हैं जिसमें कहा गया है कि इस्लामिक अमीरात कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहा है।
करजई ने आज कहा कि अफगानिस्तान में हजारों कुशल लड़के लड़कियां हैं जिन्होंने देश व विदेश में शिक्षा ली है। अफगानिस्तान में विदेशी वर्कफोर्स (workforce) की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि काबुल के नए प्रशासन को काम करने का मौका देश के लड़के व ल ड़कियों को देना चाहिए जो ग्रेजुएट हैं। साथ ही उन्हें देश को छोड़ कर चले गए अफगान के विशेषज्ञों व जानकारों को वापस बुलाना चाहिए।