एकतरफा जीत के बावजूद पश्चिमी महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष पर भारी पड़ा विपक्ष

महाराष्ट्र में मतदान संपन्न हो जाने के बाद अब परिणाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. कम मतदान प्रतिशत के साथ ही एग्जिट पोल भी फिर से फडणवीस सरकार की ओर ही इशारा कर रहे हैं. India Today-Axis My India के एग्जिट पोल के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (एनडीए) की देवेंद्र फडणवीस सरकार 166 से 194 सीटों के साथ सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है.

कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का विपक्ष में इंतजार और पांच साल लंबा होता दिख रहा है. एग्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार महाराष्ट्र में भले ही एनडीए एकतरफा जीत दर्ज करता नजर आ रहा हो, लेकिन एक क्षेत्र ऐसा भी है जहां के अनुमान यूपीए के लिए राहत भरे हैं.

एकतरफा जीत के अनुमानों के बीच पश्चिमी महाराष्ट्र में विपक्ष, सत्तापक्ष पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. India Today-Axis My India के एग्जिट पोल के अनुसार पश्चिमी महाराष्ट्र में एनडीए को 22 और यूपीए को 29 सीटें मिलतीं नजर आ रही हैं. अन्य के खाते में 7 सीटें जातीं दिख रही हैं.

एनसीपी का गढ़ है पश्चिमी महाराष्ट्र

पश्चिमी महाराष्ट्र को एनसीपी का गढ़ माना जाता है. हालिया लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने जिन चार सीटों पर कब्जा जमाया था, वह चारों सीटें भी इसी क्षेत्र से आती हैं. इस इलाके में यूपीए को मिलती नजर आ रही बढ़त के पीछे मराठा क्षत्रप शरद पवार की पार्टी एनसीपी की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और एनसीपी को सबसे ज्यादा सीटें इसी क्षेत्र से मिली थीं. एक और दिलचस्प बात ये है कि एनसीपी और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी या शिवसेना के साथ जाने वाले ज्यादातर नेता भी पश्चिमी महाराष्ट्र से ही आते हैं. बावजूद इसके यहां बीजेपी गठबंधन अपना ग्राफ बढ़ाने में कामयाब होता नहीं दिख रहा है.

पवार के खिलाफ ईडी कार्ड का भी रहा रोल

यूपीए को शरद पवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई का भी लाभ मिला. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद ईडी की चार्जशीट में शरद पवार का नाम शामिल किया गया था, इसके बाद शरद पवार की पार्टी ने इसे धार देने में कसर नहीं छोड़ी और पवार ने मोर्चे से प्रचार अभियान की अगुवाई की. फिलहाल, एग्जिट पोल के नतीजे पश्चिमी महाराष्ट्र में जरूर कांग्रेस-एनसीपी के लिए राहत भरे हैं, लेकिन अनुमानों में उनकी सत्ता वापसी मुमकिन नजर नहीं आ रही है.