बिहार सरकार ने जातिगत आधारित जनगणना की रिपोर्ट को जारी कर दिया है। बिहार सरकार के इस निर्णय का विपक्षी नेताओं ने समर्थन किया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जितनी आबादी, उतने हक की बात कही है। हालांकि, पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल गांधी के बयान पर असहमति जताई है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जातिगत आधारित जनगणना रिपोर्ट को लेकर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा था कि अवसर की समानता कभी भी परिणामों की समानता के समान नहीं होती। जितनी आबादी उतना हक का समर्थन करने वाले लोगों को पहले इसके परिणामों को पूरी तरह से समझना होगा।हालांकि, उन्होंने कुछ देर बाद अपना पोस्ट डिलीट कर दिया।
बाद में जब अभिषेक मनु सिंघवी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी से हटकर अलग रुख नहीं अपनाया है। हमने इसका समर्थन किया और इसे आगे भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अदालत के सभी आदेश में कहा गया है कि यह फैसला तथ्यों के आधार पर लिया जाना चाहिए। अगर कोई तथ्य नहीं है तो कैसे होगा? इसलिए तथ्यों के आधार पर जाति जनगणना होना आवश्यक है।
वहीं, जातीय जनगणना पर कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। यह कोई व्यक्तिगत स्टैंड नहीं है। इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही बयान दे चुके हैं। हम जाति जनगणना के पक्ष में हैं।
वहीं, बिहार सरकार के जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पर सलमान खुर्शीद ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना करने से ही सब कुछ खुद से तो नहीं हो जाएगा। उसके बाद कुछ बातचीत करनी पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी ने अभी इसपर कुछ नहीं कहा है। पार्टी का कहना है कि पहले जातिगत जनगणना करवाओ, जमीनी वास्तविकता बताओ, आगे फिर देखेंगे। काम किया नहीं है और छलांग मारकर आगे चले जाएं तो वह सही नहीं है।