किसानों के साथ खड़ा हुआ विपक्ष, शरद पवार, टीआर बालू, सीताराम येचुरी समेत दिग्‍गज नेताओं ने की मांग

एनसीपी के शरद पवार, द्रमुक के टीआर बालू और सीपीआई-एम के सीताराम येचुरी समेत आठ विपक्षी दलों के नेताओं ने हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों से आए किसानों के आंदोलन के पक्ष में आवाज बुलंद की है। इन दिग्‍गज सियासी हस्तियों ने संयुक्‍त बयान जारी कर केंद्र सरकार के रवैये की आलोचना की है। विपक्ष ने किसानों को निरंकारी समागम मैदान की बजाय रामलीला ग्राउंड में जाने की इजाजत देने की मांग की है ताकि वे अपना आंदोलन कर सकें।

जारी बयान में कहा गया है कि किसान कृषि विरोधी कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान जब अपना विरोध जतलाने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं तो उनके रास्ते में गड्ढे खोद दिए जाते हैं। यही नहीं पुलिस किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागती है। अब जब अन्नदाता किसान तमाम जुल्‍म ज्‍यादतियों को बर्दाश्‍त करते हुए दिल्ली पहुंच गए हैं तो उनको आंदोलन के लिए छोटी जगह दी जा रही है। हमारी मांग है कि किसानों को रामलीला मैदान या उस जैसा बड़ा ग्राउंड दिया जाए।
इन नेताओं में सीपीआईएमएल के दीपांकर भट्टाचार्य, राजद के मनोज झा, सीपीआई के डी राजा और आरएसपी के मनोज भट्टाचार्य भी शामिल हैं। अर्से बाद दिल्‍ली किसी बड़े आंदोलन का गवाह बनने जा रही है। विभिन्न समूहों और राज्यों के किसान शनिवार को उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जमा हुए। हजारों किसान भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच सिंघू और टिकरी सीमा पर डटे हुए हैं। बताया जाता है कि ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से आए हैं जबकि कुछ मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी पहुंचे हैं। किसान ट्रकों और ट्रैक्टरों से दिल्‍ली पहुंचे हैं।
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को रोके जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है। वहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि दिल्ली आने वाले पूंजीपतियों के लिए लाल कालीन बिछाई जाती है जबकि किसानों के लिए गड्ढे खोद दिए जा रहे हैं। दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक लेकिन किसान सरकार को अपनी बात सुनाने दिल्ली आएं तो यह गलत कैसे हो सकता है।

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आदर्श कुमार

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