ओपेक और सहयोगी देशों ने उन पांच राष्ट्रों में कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है, जिन पर पूर्व में इस संबंध में रोक लगाई गई थी। बता दें कि कुछ दिनों पहले यूएई ने उत्पादन बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन में विवाद पैदा हो गया था। इसके बाद समूह की होने वाली बैठक को टाल दिया गया था। रविवार को एक बयान में कहा गया कि इराक, कुवैत, रूस, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपना उत्पादन बढ़ाएंगे।
इस संबंध में सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा कि जो चीज हमें एक मंच पर लाती है वह मीडिया की कल्पना से परे हैं। कई बिंदुओं पर हमारे विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन हम फिर भी एक हैं। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताने से इन्कार कर दिया कि उनके बीच आम सहमति कैसे बनी। बता दें कि कच्चे तेल के दामों में हो रही लगातार बढ़ोतरी के चलते भारत ओपेक देशों से उत्पादन बढ़ाने की मांग करता रहा है।
ओपेक और संबद्ध देशों के बीच रविवार को एक ‘पूर्ण सहमति’ बनी जिसके तहत पांच ओपेक/गैर ओपेक देश कच्चे तेल का उत्पादन अगस्त से बढ़ाएंगे। इससे पहले इन देशों के बीच विवाद से तेल की कीमतें प्रभावित हुई थीं। तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके साथी उत्पादक देशों की की आनलाइन
बैठक के बाद रविवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि इराक, कुवैत, रुस, सऊदी अरब और यूएई के तेल उत्पादन की सीमा बढ़ेगी। रुस ओपक का सहयोगी है।
ओपेक देशों ने कहा कि अगस्त से उसके उत्पादन में हर माह दैनिक 4,00,000 बैरल की बढ़ोतरी की जाएगी और इस तरह इस समय लागू 58 लाख बैरल/दैनिक की कटौती धीरे धीरे 2022 के अंत तक समाप्त हो जाएगी। नयी निर्धारित उत्पादन सीमाओं के अतर्गत यूएई मई 2022 से प्रति दिन 35 लाख बैरल का उत्पादन कर सकेगा। खबरों के अनुसार यूएई पहले अपने लिए 38 लाख बैरल/ दैनिक उत्पादन की सीमा की मांग कर रहा था। इसी तरह सऊदी अरब की दैनिक उत्पादन सीमा 1.10 करोड़ बैरल से बढ कर 1.15 करोड़ बैरल हो जाएगी। रुस की भी उत्पादन सीमा इतनी ही रहेगी। इराक और कुवैत की दैनिक उत्पादन सीमा में बढ़ोतरी इससे कुछ कम रहेगी।