कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन करने में ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट्स के द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार इस मामले में 7-8% तक भारत की भागीदारी बताई गई हैं। चीन कार्बन डाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन में और प्रदूषण फैलाने के मामले में 26% के भागीदारी के साथ सबसे ऊपर शीर्ष पर हैं और इस मामले में अमेरिकी की भागीदारी 15% तक हैं, जिसके कारण यह दूसरे नंबर पर हैं, वहीं अगर इस मामले में तीसरे नंबर की बात करें तो यूरोपियन यूनियन का नाम शामिल हैं।
इन्हीं चार देशों को मिलाकर पूरी दुनिया भर में फैलाए गए कुल प्रदूषण का 58% तक की भागीदारी हैं। कोयला उद्योग पर पूरी तरह से निर्भर रहने के कारण ही प्रदूषण का स्तर भारत में सबसे ज्यादा हैं। इसी तरह का सामान कारण चीन में भी हैं, जबकि दूसरे विकसित देश अपने यहां ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग हवा और सोलर से उत्पन्न ऊर्जा का ही करतें हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस समय में रूस, भारत और चीन खूब प्रदूषण फैला रहें हैं, जबकि अमेरिका उस पर पूरी तरह से लगाम लगाए हुए हैं और अपना पूरा संतुलन बनाए हुए हैं। पेरिस समझौता ओबामा के शासन काल में हुआ था, जिसके कारण अमेरिका ने अपने कई सारे फैक्ट्री को बंद कर दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते जोकि एक प्रकार का जलवायु परिवर्तन पर आधारित समझौता था और इस समझौते को अमेरिका एकतरफा करार देते हुए तोड़ चुका हैं और इन सब को लेकर ट्रंप भारत पर भी काफी भड़के हुए हैं और उन्होंने जमकर अपनी भड़ास इन तीनों देशों के ऊपर निकाली हैं