गुरुवार को लखनऊ में हजारों की संख्या में वकील सड़कों पर उतर आए, पुतला फूंककर किया प्रदर्शन

हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को लखनऊ में हजारों की संख्या में वकील सड़कों पर उतर आए। वकीलों ने सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प भी हो गई। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए हनुमान सेतु से परिवर्तन चौक जाने वाले रास्ते को बैरिकेडिंग लगाकर बंद किया गया है। गाड़ियों को डायवर्ट किया गया है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है।
इधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में प्रदेश सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता के पद से यूपी बार काउंसिल के सदस्य अखिलेश अवस्थी ने इस्‍तीफा दे द‍िया है।
भाजपा के राज में शासन-प्रशासन ही अराजक हो गया है। तथाकथित डबल इंजन की ताक़त का इस्तेमाल भाजपा तरक़्क़ी की जगह अपने ख़िलाफ़ पनप रहे आक्रोश को दबाने के लिए कर कही है।अपने मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे वकील भाजपा सरकार का अहंकार तोड़ देंगे। सपा वकीलों के साथ का ऐलान करती है, उनके लिए इंसाफ की मांग करती है।
दरअसल, गुरुवार सुबह वकीलों ने आम सभा की। इसमें तय हुआ था कि आज सरकार के खिलाफ पुतला फूंका जाएगा। दोपहर करीब 1.30 बजे ग्लोब पार्क वाले तिराहे पर हजारों की संख्या में वकील इकट्‌ठा हुए। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसवाले तैनात थे। मगर वकीलों ने घेरा बनाकर पुतला में आग लगा दी। पुलिस ने पुतला छीनने का प्रयास किया तो पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई।
इस वक्त परिवर्तन चौक के आस-पास का एरिया ब्लॉक है। ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। यहां अभी भी वकील नारेबाजी कर रहे हैं। उनकी मांग है कि हिरासत में लिए वकीलों को छोड़ जाए।
25 अगस्त दिन शुक्रवार को महिला वकील प्रियंका त्यागी अपने पिता और दो लोगों के साथ हापुड़ से गाजियाबाद जा रही थी। गढ़ रोड के पास एक सिपाही की लेपर्ड बाइक वकील की कार से टकराई। इसके बाद दोनों में कहासुनी हुई। सिपाही का आरोप था कि वह ड्यूटी पर थाने जा रहा था तभी कार ने हॉर्न बजाया। उसने कार को पास दे दिया लेकिन कार रुक गई। जिसमें से उतरी महिला वकील और उसके साथियों ने मारपीट शुरू कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस सभी पक्षों को लेकर कोतवाली पहुंची। सिपाही की तहरीर पर पुलिस ने प्रियंका और उनके पिता के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।
इस मामले में महिला वकील प्रियंका त्यागी का आरोप था कि सिपाही उन्हें तहसील चौपला से पहले अश्लील हरकतें करते हुए घूर रहा लगातार पीछा करने लगा। इसके बाद हुए विवाद में पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए उनके व परिवार पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही बड़ी तादाद में वकील कोतवाली में जुट गए। तब पुलिस ने महिला वकील और उनके पिता को रिहा कर दिया। मामले को शांत मान लिया गया लेकिन वकील इस घटना से आक्रोशित हो उठे।