9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 72 मंत्रियों ने शपथ ली

तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने समारोह में आए मेहमानों को प्रणाम किया। शपथ ग्रहण के बाद पीएम समेत नए मंत्रियों का फोटो सेशन हुआ।
नतीजे आने के छठे दिन रविवार 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 72 मंत्रियों ने शपथ ली। पीएम के अलावा 60 मंत्री भाजपा और 11 अन्य दलों के हैं। शपथ से पहले NCP कैबिनेट मंत्री की मांग को लेकर सरकार में शामिल नहीं हुई।
मोदी 3.0 पर गठबंधन का असर है। लगातार तीसरी बार पीएम बनने वाले मोदी ने अपना सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद बनाया है। कुल 71 मंत्री हैं। 2014 में 45 और 2019 में 57 मंत्रियों ने शपथ ली थी।
इस बार 30 कैबिनेट मंत्री हैं। 2019 में 24 और 2014 में 23 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली थी। यानी कैबिनेट मंत्रियों की संख्या में 25% का इजाफा है। 5 कैबिनेट कुर्सी गठबंधन को दी गई है।
इनमें तेलुगू देशम के के. राममोहन नायडू, जदयू के ललन सिंह, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी और एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान शामिल हैं।
सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से 11 मंत्री हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार कैबिनेट से 36 मंत्रियों को जगह नहीं मिली। कैबिनेट में इस बार 7 महिलाएं शामिल हैं। पहले टर्म में 8 और दूसरे टर्म में 6 महिलाएं थीं। सबसे युवा TDP के राम मोहन नायडू और सबसे बुजुर्ग 79 साल के जीतनराम मांझी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
इसके अलावा कैबिनेट में शुरू से भाजपा में रहे 41 लोगों को मंत्री बनाया गया। कांग्रेस या अन्य पार्टियों से भाजपा में आए 13 लोगों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली। 4 ब्यूरोक्रेट्स भी मंत्री बने हैं। 7 राजनीतिक परिवार से आने वाले लोगों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
मोदी समेत 6 सांसद राजनाथ सिंह, जीतन राम मांझी, एचडी कुमारस्वामी, मनोहर लाल खट्टर, सर्बानंद सोनोवाल, शिवराज सिंह चौहान पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ये सभी अब मंत्री हैं।
32 सांसद पहली बार मंत्री बने हैं। इनमें बिहार से 5, उत्तर प्रदेश से 4, मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-कर्नाटक से 3-3, कर्नाटक-गुजरात-केरल से 2-2 और पंजाब, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, दिल्ली, असम, तेलंगाना से 1-1 सांसद शामिल हैं।
रवनीत सिंह बिट्टू (पंजाब) और जॉर्ज कुरियन (केरल) दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में सांसद नहीं हैं, फिर भी मंत्री बनाए गए। रवनीत बिट्‌टू पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते हैं। जॉर्ज कुरियन को ईसाई चेहरे के रूप में जगह दी गई है।
मोदी 3.0 में 11 राज्यसभा सांसदों को मंत्री बनाया गया। कैबिनेट मंत्रियों में जगत प्रकाश नड्डा, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं जो राज्यसभा के सदस्य हैं।
मंत्रिमंडल में चुनावी मोड भी है। दक्षिण में तमिलनाडु से एक भी सीट न मिलने के बावजूद वहां से 3 मंत्री हैं। तमिलनाडु की नीलगिरि सीट से चुनाव हारने के बावजूद एल. मुरुगन को राज्यमंत्री बनाया गया। हालांकि मुरुगन मध्यप्रदेश से राज्यसभा में हैं। बाकी दो कैबिनेट मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर मूल रूप से तमिल हैं। सीतारमण कर्नाटक और जयशंकर गुजरात से राज्यसभा सदस्य हैं।
इसी तरह केरल से अकेले सांसद सुरेश गोपी को राज्यमंत्री बनाया गया है। वे त्रिशूर से जीते हैं। केरल से बीजेपी के महासचिव जार्ज कुरियन को राज्यमंत्री बनाया गया है। कर्नाटक में 8 सीटों के बड़े नुकसान के बावजूद बीजेपी ने जेडीएस के कुमारस्वामी को कैबिनेट मंत्री बनाने के साथ अपने कोटे से भी 3 मंत्री बनाए हैं। इनमें प्रह्लाद जोशी को कैबिनेट मंत्री, शोभा करंदलाजे और वी सोमन्ना को राज्यमंत्री बनाया गया है।
7 देशों के नेता, 8 हजार मेहमान आए
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में 7 देशों के नेता शामिल हुए। इनमें मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ हैं। वहीं राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में 8 हजार लोग शामिल हुए। राजनीतिक, फिल्म जगत की हस्तियां और संत समाज मौजूद था।