हॉस्पिटल जाने की बात पर सतीश कौशिक ने कहा- अभी मैं मरने वाला नहीं हूं

सतीश कौशिक अगर जिंदा होते तो 13 अप्रैल को अपना 67वां जन्मदिन मना रहे होते। उनके याद में करीबी दोस्त अनुपम खेर और उनके परिवार वालों ने एक म्यूजिकल मीट रखा। अनुपम खेर इस दौरान काफी इमोशनल नजर आए। उन्होंने कहा कि निधन के एक दिन पहले उनकी और सतीश की मुलाकात हुई थी।
अनुपम ने कहा कि सतीश काफी थके-थके से लग रहे थे। उन्होंने उन्हें हॉस्पिटल जाकर चेक कराने की सलाह दी थी। इस पर सतीश ने कहा कि चिंता मत करो, अभी मैं मरने वाला नहीं हूं। इसके तीन ही घंटे बाद उन्होंने दुनिया छोड़ दी।
अनुपम खेर के अलावा इस मीटिंग में अनिल कपूर, रानी मुखर्जी, शबाना आजमी और जॉनी लीवर भी मौजूद रहे। इस दौरान अनुपम स्टेज पर काफी वक्त तक रोते नजर आए। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘सतीश तो चले गए लेकिन हमारी दोस्ती तमाम उतार-चढ़ावों के बाद भी बनी रहे। अनिल ने उनकी याद में एक ऑडियो-विजुअल तैयार किया है, हम उसे देखना चाहेंगे। मैं अब अनिल से अनुरोध करूंगा कि वो स्टेज पर आएं।’
अनिल कपूर स्टेज के सामने साइड में बैठे थे। वे लगातार रोए जा रहे थे। उन्होंने सामने आने से मना कर दिया। तब अनुपम ने कहा, ‘तुम्हें आना ही पड़ेगा। नहीं नहीं, तुम्हें आना ही पड़ेगा। मैं इस दुख के क्षण में अकेले नहीं निपट सकता।’
अनुपम ने आगे कहा, ‘सतीश की काबिलियत को कभी-कभार कम आंका जाता था। उन्होंने कभी अपने आप की मार्केटिंग नहीं की। वो अपने आप में काफी यूनिक थे।’ हालांकि अनुपम के बुलाने के बाद भी अनिल नहीं आए। अनिल काफी रोते नजर आ रहे थे। अनिल को रोता देख अनुपम ने कहा ‘अनिल तू पागल है, मैं इतना ठीक तो जा रहा था।’
अनुपम ने आगे कहा, ‘वो 7 मार्च को मेरे बर्थ डे पर मिले थे। मैंने उनसे कहा कि तू थका-थका सा लग रहा है। ऐसा कर हॉस्पिटल चला जा, खुद को चेक करा लो चाहो तो एडमिट भी हो सकते हो। तब उन्होंने कहा, ‘चिंता मत करो मैं अभी मरने वाला नहीं हूं।शबाना आजमी ने भी सतीश को याद किया। उन्होंने सतीश की बेटी वंशिका से कहा, ‘जब आप इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाती थी तो सतीश को काफी खुशी मिलती थी। वो कहते थे कि देखो मेरी बेटी वंशिका को.. आपके पिता आपसे जो चाहते थे मैं उसे आखिरी वक्त तक पूरा करने की कोशिश करूंगी।’
सतीश के बर्थ एनिवर्सरी इवेंट में उनकी बेटी वंशिका ने एक लेटर पढ़ कर सुनाया। वो उन्होंने पिता के निधन के बाद लिखा था। वो चाहती थी कि उस लेटर को सतीश की चिता के साथ रख दिया जाए। अनुपन ने इस लेटर की एक फोटो ली थी। वंशिका ने उस लेटर को फोन में पढ़ के सुनाया, ‘हैलो पापा, मुझे पता है कि अब आप नहीं हैं, लेकिन मैं हमेशा आपके साथ रहूंगी। आपके दोस्तों ने मुझे स्ट्रॉन्ग रहने को कहा है, लेकिन मैं आपके बिना नहीं रह सकती। मैं आपको बहुत मिस करती हूं।
अगर मुझे पता होता कि ऐसा हो जाएगा, तो मैं आपके साथ समय बिताने के लिए स्कूल भी नहीं जाती। काश मैं आपको एक बार गले लगा पाती। आप अब भी मेरे दिल में हो। जैसा कि हम फिल्मों में देखते हैं, काश कोई चमत्कार होता और आप जीवित होते।’ वहां मौजूद सभी लोग वंशिका के लेटर में लिखी बातों को सुन कर रोने लगे।