विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा है कि डेल्टा के मुकाबले कोविड का ओमिक्रोन वैरिएंट कम घातक हो सकता है। दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े निजी स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क नेटकेयर लिमिटेड व अमेरिका के सीडीसी ने भी ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमितों में हल्के लक्षण देखे जाने की बात कही है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘फिलहाल किसी नतीजे पर पहुंचाना जल्दबाजी होगी। दक्षिण अफ्रीका से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रोन वैरिएंट से दोबारा संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है, लेकिन ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए और अधिक आंकड़ों की जरूरत है।’
घेब्रेयेसस ने कहा कि 57 देशों में प्रसार बताता है कि नया वैरिएंट पूर्व के मुकाबले ज्यादा संक्रामक हो सकता है।घेब्रेयेसस ने सभी देशों से जितना जल्दी हो लोगों का टीकाकरण करने और संक्रमण को रोकने वाले उपायों को प्रभावी करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘हम ओमिक्रोन को वैश्विक आपदा बनने से रोक सकते हैं। वायरस में बदलाव हुआ है, लेकिन हमारा संकल्प नहीं बदला।’
दक्षिण अफ्रीकी नेटकेयर का कहना है कि ओमिक्रोन के मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही है, लेकिन उनमें बीमारी के हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड फ्रीडलैंड के अनुसार, ‘गौटेंग प्रांत स्थित हमारे अस्पतालों में आए मरीजों में जो लक्षण दिखाई देते हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि पिछली तीन लहरों के दौरान हमने जो कुछ भी देखा, ओमिक्रोन उसके मुकाबले काफी हल्का रहेगा।’ नेटकेयर के अस्पतालों में भर्ती 90 फीसद मरीजों को आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी।
अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) की प्रमुख डा. रोशेल वालेंस्की ने कहा कि देश में अभी तक 40 से अधिक लोग ओमिक्रोन से संक्रमित पाए गए हैं और इनमें से तीन चौथाई से अधिक टीकाकृत हैं। राहत की बात है कि लगभग सभी मरीजों में संक्रमण के हल्के लक्षण पाए गए हैं। डा. वालेंस्की ने कहा कि आंकड़े बहुत सीमित हैं। एजेंसी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट अमेरिका को किस तरह प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि बीमारी के प्रमुख लक्षणों में खांसी, सीने में जकड़न व थकान आदि शामिल हैं। इससे किसी की मौत की सूचना नहीं है।