ओडिशा में पहली बार भाजपा की सरकार बन गई है। 52 साल के मोहन चरण माझी ने बुधवार को राज्य के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उनके साथ दो डिप्टी CM कनक वर्धन सिंहदेव (67) और प्रभाती परिदा (57) ने भी शपथ ली।
माझी मंत्रिमंडल में 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें सुरेश पुजारी, रबिनारायण नाइक, नित्यानंद गोंड, कृष्ण चंद्र पात्रा, पृथ्वीराज हरिचंदन, मुकेश महालिंग, बिभूति भूषण जेना, कृष्ण चंद्र महापात्रा, गणेश राम सिंह खुंटिया, सूर्यवंशी सूरज, प्रदीप बालसामंता, गोकुला नंद मल्लिक और संपद कुमार स्वैन शामिल हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, अमित शाह के अलावा उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, असम, हरियाणा, गोवा और उत्तराखंड के CM भी मौजूद थे।
सुरेश पुजारी
रबिनारायण नाइक
नित्यानंद गोंड
गणेश राम सिंह खुंटिया
सूर्यवंशी सूरज
कृष्ण चंद्र पात्रा
प्रदीप बालसमंता
गोकुला नंदा मलिक
संपद कुमार स्वैन
पृथ्वीराज हरिचंदन
मुकेश महालिंग
बिभूति भूषण जेना
कृष्ण चंद्र महापात्रा
ओडिशा को 24 साल बाद आदिवासी CM मिला। इससे पहले कांग्रेस के हेमानंद बिस्वाल राज्य के पहले आदिवासी CM थे। बिस्वाल 1989-1990 और 1999-2000 तक दो बार CM रहे। राज्य के दूसरे आदिवासी CM गिरिधर गमांग थे। हालांकि उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। बिस्वाल के बाद कांग्रेस यहां कभी सत्ता में नहीं रही।
मोहन चरण माझी क्योंझर जिले के झोपुड़ा ब्लॉक के रायकोड़ा गांव के रहने वाले हैं। वे यहां से 2019, 2009 और 2000 में भी विधायक रह चुके हैं। 23% आदिवासी आबादी वाले ओडिशा में माझी भाजपा का स्थानीय बड़ा आदिवासी चेहरा हैं।
माझी उसी समुदाय से आते हैं, जिससे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आती हैं। यानी माझी संथाल आदिवासी समुदाय के हैं। ओडिशा में मिशनरीज द्वारा आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मुद्दा बहुत बड़ा है। मोहन माझी कन्वर्जन के खिलाफ क्योंझर और मयूरभंज जिले में जमकर काम किया।
इसके अलावा वे 28 सितंबर 2023 को तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक के पोडियम की तरफ दाल फेंक दी थी। तब उन्हें पूरे सेशन के लिए निलंबित कर दिया गया था। ओडिशा मिड डे मिल में दाल को लेकर हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर वे प्रदर्शन कर रहे थे।
1967 में जन्मीं प्रभाती परिदा ओडिशा की पहली महिला डिप्टी सीएम बनेंगी। उन्होंने 2024 के चुनाव में पहली बार पुरी की नीमापारा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजू जनता दल (BJD) के दिलीप कुमार नायक को 4,588 वोटों से हराया है।
प्रभाती एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने 1995 में उत्कल विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री और 2005 में उसी विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में MA की डिग्री हासिल की है। प्रभाती ने 2005 में ओडिशा हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में भी काम किया।
उनकी शादी पूर्व सरकारी कर्मचारी श्याम सुंदर नायक से हुई है। प्रभाती परिदा के पति सरकारी अधिकारी थे, जो कुछ साल पहले रिटायर हुए है। चुनावी हलफनामे के मुताबिक, प्रभाती परिदा की कुल चल-अचल संपत्ति 3.6 करोड़ रुपए है। प्रभाती परिदा ने कुल आय 31.8 लाख घोषित की है, जिनमें से 9 लाख रुपए उनकी खुद की कमाई है।
कनक वर्धन सिंहदेव बोलांगीर के राजपरिवार से हैं। उन्होंने 1995 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। सिंहदेव ने बोलांगीर जिले के पटनागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और छठी बार जीते।
वे नवीन पटनायक सरकार में 2000-2004 तक उद्योग और सार्वजनिक उद्यम, 2004-2009 तक शहरी विकास और सार्वजनिक उद्यम के मंत्री रह चुके हैं। 2013-2016 तक वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार बहुमत के साथ जीत हासिल की है। राज्य की 147 सीटों में से भाजपा को 78 सीटें मिली हैं। वहीं, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) को 51, कांग्रेस को 14, CPI(M) को 1 और अन्य को 3 सीटों पर जीत मिली है।
लोकसभा चुनाव में भी पहली बार भाजपा ने यहां बड़ी जीत दर्ज की है। राज्य की 21 सीटों में से भाजपा को 20 और कांग्रेस को एक सीट मिली है। BJD और अन्य दलों को एक भी सीट नहीं मिली। 2019 में भाजपा को 8, BJD को 12 और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी। यानी भाजपा को इस बार 12 सीटों का फायदा है।