उइगरों के लिए चीन की खिलाफ बोलने वाली महिला कार्यकर्ता ने जीता नुरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

चीन में शिनजियांग के रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयरागुल सौबाय को देश के पश्चिमी क्षेत्र में नृजातीय अल्पसंख्यकों पर मानवाधिकार हनन को उजागर करने के लिए 2021 नुरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जर्मनी की मानवाधिकारों की रक्षक संस्था ने एक बयान में सयारगुल सौयबय को इस अवार्ड की पुष्टि करते हुए कहा कि नूर्नबर्ग सिटी ऑफ ह्यूमन राइट्स हर साल कई पहलुओं में विशेष कार्य करने वाले एक्टिविस्ट को सम्मानित करती है और इस साल यह सयारगुल को दिया जा रहा है।

राइट्स बॉडी ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उसे धमकाने के प्रयासों के बावजूद उन्होंने निडर होकर दुनिया को बताया कि डिटेंशन सेंटरों के उन शिविरों में उइगरों के साथ क्या-क्या अत्याचार होते हैं और चीन सरकार की वास्तव में क्या योजना बना रही है।”राइट्स बॉडी के इस फैसले का स्वागत करते हुए विश्व उईगर कांग्रेस ने कहा कि यह उन लोगों व महिलाओं को चीन के खिलाफ आवाज उठाने का हौंसला देगा जो चीन के कैंपों में कैद हैं ।

बता दें कि ह्यूमन राइट्स वॉच, एमनेस्टी इंटरनेशनल और मानवाधिकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सेवा सहित 300 से अधिक सिविल सोसाइटी समूह संयुक्त राष्ट्र से चीनी सरकार द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन का पड़ताल करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रहरी स्थापित करने का आग्रह कर रहे हैं।