अब थलसेना भी कर सकेगी दुश्मन के विमान-मिसाइलों को पल भर में तबाह, MRSAM एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण हुआ सफल

भारत ने रविवार को जमीन से हवा में मार करने वाले मध्यम दूरी के (MRSAM) एयर डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि हवाई सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण इस सिस्टम का परीक्षण भारतीय थलसेना के लिए किया गया है. पिछले साल भारतीय वायुसेना को ऐसा ही सिस्टम सौंपा जा चुका है. डीआरडीओ ने बताया कि MRSAM एयर डिफेंस सिस्टम के आर्मी वर्जन का टेस्ट रविवार को ओडिशा के बालासोर तट के नजदीक किया गया. इस दौरान मिसाइल ने बेहद दूरी से अपने टारगेट पर सटीक वार किया.
MRSAM एयर डिफेंस सिस्टम को पिछले साल भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे देश की हवाई सुरक्षा के लिए एक गेमचेंजर करार दिया था. बताया गया था कि MRSAM एक अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम है, जो लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, मानवरहित ड्रोन के अलावा क्रूज़ मिसाइलों से भी सुरक्षा देने में सक्षम है. यह गाइडेड और अनगाइडेड दोनों तरह की मिसाइलों को रोक सकता है.भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) और इस्राइल ने संयुक्त रूप से इसे तैयार किया है. इसमें खूबी है कि यह 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली कई मिसाइलों को एकसाथ ध्वस्त कर सकता है. इसमें देश में ही विकसित रॉकेट और कंट्रोल सिस्टम लगे हैं, जो इसे बेहतर बनाते हैं. इसका नेवी वर्जन भी तैयार हो चुका है. 2016 और 2017 में इसका परीक्षण भी किया जा चुका है.भारतीय थलसेना के लिए विकसित MRSAM एयर डिफेंस सिस्टम का पहला परीक्षण दिसंबर 2020 में हुआ था. तब भी इसका परीक्षण कामयाब रहा था. उस समय इसकी मिसाइल ने टेस्ट के दौरान ब्रिटेन में बने एक ड्रोन को तबाह किया था. तब बताया गया था कि इसकी मिसाइलें साढ़े चार मीटर लंबी और 2.7 टन वजनी हैं. ये परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. इस सिस्टम में मिसाइलों के अलावा मल्टी फंक्शनल सर्विलांस और खतरा भांपने वाला रडार भी लगा है.