बेंगलुरु की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मुरुग मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुग शरनारू के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने केंगेरी होबली में संपत्ति से जुड़े मामले में यह कार्रवाई की है। पूरा विवाद सुलिकेरे गांव में सात एकड़ संपत्ति से जुड़ा है। यह जमीन जिस कीमत पर कथित रूप से बेची गई थी, वह बाजार मूल्य से बहुम कम थी।
मठ के श्रद्धालु ने पी एस प्रकाश ने एक आपराधिक शिकायत दर्ज की है। इस मामले में पेश नहीं होने पर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने फिर गैर जमानती वारंट जारी किया। मामले की सुनवाई 10 नवंबर के लिए स्थगित कर दी गई।
उधर, इस मशहूर पत्रकार और रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित पी साईनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वह बसवश्री पुरस्कार वापस कर रहे हैं, जो उन्हें 2017 में मुरुग मठ द्वारा प्रदान किया गया था। साईनाथ ने कहा कि यह जानकर उनका मन परेशान हो गया कि शरनारू यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून और अनुसूचित जाति/जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम में आरोपों से घिरे हैं।
महंत को स्कूली लड़कियों के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद साईनाथ ने अपने ट्वीटों में पुरस्कार लौटाने के फैसले की जानकारी दी। साईनाथ ने लिखा, ‘ पीड़िताओं के साथ एकजुटता और इस मामले में इंसाफ के लिए मैं बसवश्री पुरस्कार (पांच लाख रुपये की पुरस्कार रााशि) वापस कर रहा हूं, जो मुझे वर्ष 2017 में मठ की ओर से दी गई थी।’