गुर्जरों और राजस्थान सरकार के बीच वार्ता में नहीं बनी सहमति, आंदोलनकारियों का पटरी पर कब्जा बरकरार

अति पिछड़ा वर्ग को पांच फीसद आरक्षण का मामला संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने व सरकारी नौकरियों में बैकलॉग पूरा करने को लेकर सरकार और गुर्जरों के बीच वार्ता का दौर जारी है, लेकिन अभी तक दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी। आंदोलनकारी सोमवार को भी भरतपुर के पिलूकापुरा में रेलवे ट्रेक पर कब्जा कर के पिछले नौ दिन से बैठे हैं। सोमवार को दसवें दिन बयाना-भरतपुर राजमार्ग के साथ ही दौसा, भीलवाड़ा, राजसमंद सहित कई इलाकों में गुर्जरों ने सड़क जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया। बयाना पुलिस थाने में सरकार की तरफ से खेल मंत्री अशोक चांदना व आधा दर्जन अधिकारियों की गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ वार्ता हुई, लेकिन अंतिम सहमति नहीं बन सकी।
चांदना के साथ सहमति नहीं बनने पर गुर्जरों ने आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया। कर्नल बैंसला ने कहा कि प्रदेशभर में चक्काजाम करने को लेकर मंगलवार को बैठक होगी। वहीं, चांदना ने मीडिया से कहा कि सरकार ने गुर्जर समाज को बहुत कुछ दिया है। सरकार जो कुछ देने में सक्षम थी, वह दिया गया था। सरकार ने गुर्जरों की 14 मांगे मानी है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को पटरी से हटना चाहिए।
दूसरी ओर, गुर्जर समाज के साहब सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बैंसला पर समाज को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब दूसरे गुट के प्रतिनिधिमंडल ने 14 बिंदुओं पर सरकार से वार्ता कर ली है तो फिर आंदोलन करने का क्या औचित्य है। सरकार की ओर से आइएएस नीरज के पवन कई बार आकर वार्ता का संदेश ला चुके हैं, लेकिन कर्नल बैंसला मौके पर ही समाधान चाहते हैं। एक बार कर्नल बैंसला के कहने पर खेलमंत्री अशोक चांदना हिंडौन और बयाना आ चुके है, लेकिन उस दौरान किसी ने उनसे बात नहीं की। आइएएस नीरज के पवन भी दो बार रेलवे ट्रेक पर गुर्जर आंदोलनकारियों के बीच पहुंचकर सरकार का समझौता पत्र पढ़कर बता चुके हैं, लेकिन कोई हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
उधर गुर्जर आंदोलन के कारण त्योहारी सीजन में यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। रेलवे दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर 19 ट्रेनों को डायवर्ट कर चला रहा है।अन्य रुटों पर भी कई ट्रेनों को डायवर्ट कर निकाला जा रहा है। ज्यादातर ट्रेनों को जयपुर के रास्ते निकाला जा रहा है। ट्रेनें बंद होने के कारण स्थानीय रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से आरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं।

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आदर्श कुमार

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