91 साल बाद न्यूजीलैंड बना चैंपियन, जानें भारत से कहा हुई चूक

न्यूजीलैंड ने बुधवार को साउथैम्प्टन में पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (ICC World Test Championship) के फाइनल में भारत को 8 विकेट से हराकर अपने क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत का हासिल की। 91 साल के इतिहास में न्यूजीलैंड टीम ने पहली बार कोई ICC वर्ल्ड कप जीता है। इससे पहले कीवियों ने 10 जनवरी 1930 को अपना पहला मैच इंग्लैंड के खिलाफ जीता है। वहीं, विराट कोहली एक बार फिर अपनी कप्तानी में आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सके। ये कप्तान के रूप में उनकी तीसरी ICC हार है। इस मैच से पहले कोहली के नेतृत्व में भारत 2019 वर्स्ड कप के सेमीफाइनल में हार गया था। वहीं, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत कोहली की कप्तानी में पाकिस्तान से हार गया था।

मैच का स्कोरकार्ड
पहले दिन बारिश के कारण मैच नहीं हो पाने की स्थिति में दूसरे दिन न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर भारत को बैटिंग के लिए बुलाया। भारतीय टीम ने पहली पारी में 217 रन बनाए थे। फिर कीवी टीम ने 249 रन बनाकर उनपर 32 रनों की बढ़त हासिल की। फिर भारतीय टीम दूसरी पारी में सिर्फ 170 रन ही बना पाई जिससे न्यूजीलैंड को जीत के लिए 138 रनों की जरूरत थी जो न्यूजीलैंड ने दो विकेट खोकर बड़ी आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया। दूसरी पारी में कप्तान केन विलियमसन ने 52 रनों की बेहतरीन पारी खेली। वहीं, 12 विकेट लेने वाले काइल जेमिसन को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में 7 विकेट थे।

ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का इनाम
ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पहली बार आयोजित किया गया है। 2 साल से 6 टीमें एक-दूसरे के साथ 3 मैच घरेलू मैदान पर और 3 मैच विदेश में खेल रही थी। टॉप 2 टीमों के बीच फाइनल मुकाबाला खेला गया। इस बार टेस्ट चैंपियनशिप जीतने वाली न्यूजीलैंड की टीम को ट्रॉफी के साथ 16 लाख अमेरिकी डॉलर (11.72 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि दी गई है। वहीं, भारत को 8 लाख डॉलर (करीब 5.85 करोड़ रुपए) मिले। तीसरे नंबर पर काबिज ऑस्ट्रेलिया की टीम को 4.5 लाख डॉलर (करीब 3.29 करोड़ रुपए) दिए गए।

भारत की हार के कारण
बैट्समैन्स का जल्दी आउट होना
– भारत का कोई भी बल्लेबाज इस मैच में 50 रन भी पूरे नहीं कर पाया। पहली पारी में उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने जरूर 49 रन बनाए थे। लेकिन कोई और बल्लेबाज कुछ नहीं कर सका। वहीं, दूसरी पारी में ऋषभ पंत ने 41 रन बनाए। भारत की हार की वजह प्लेयर्स का जल्दी आउट होना भी है।

छोटा लक्ष्य- दूसरी पारी में भारतीय टीम न्यूजीलैंड को बड़ा लक्ष्य देने चूक गई। न्यूजीलैंड को आखिरी दिन जीत के लिए सिर्फ 139 रन बनाना था। यही कारण था, कि कीवियों की टीम बिना किसी प्रेशर के आसानी से उस लक्ष्य को भेदने उतरी।

खराब फील्डिंग- इस मैच में भारत की खराब फील्डिंग भी देखी गई। दूसरी पारी में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की बॉल पर स्लिप में चेतेश्वर पुजारा ने रॉस टेलर का आसान कैच छोड़ा। इसके बाद बुमराह ने भी टेलर का एक कैच छोड़ा।

कप्तान की छोटी पारी– भारत की पहली पारी में जब रोहित शर्मा, शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा के आउट होने के बाद कोहली से बड़ी पारी की उम्मीद थी, तो वह सिर्फ 44 रन ही बना पाए। इसके बाद दूसरी पारी में कोहली 13 रन बनाकर विकेटकीपर बीजे वाटलिंग के हाथों कैच आउट हुए।

स्विंग गेंदबाज की कमी- न्यूजीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और काइल जेमिसन हैं जो अच्छी स्विंग करा सके। लेकिन भारत के पास अश्विन के अलावा बेहतर स्विंग कराने वाला गेंदबाज नहीं था, इसलिए दिग्गज खिलाड़ी भुवनेश्वर कुमार को इस मैच में काफी याद किया गया। वहीं, टीम के सबसे सफल गेंदबाज रहे जसप्रीत बुमराह भी दोनों पारियों में 1 भी विकेट नहीं ले सके।

दोनों टीमों के प्लेइंग इलेवन
भारत: विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे (उपकप्तान), रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवीन्द्र जड़ेजा, आर अश्विनी, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी को टीम में शामिल किया गया है।

न्यूजीलैंड: केन विलियम्सन (कप्तान), टॉम लाथम, डेवॉन कॉनवे, रॉस टेलर, हेनरी निकोल्स, बीजे वाटलिंग (विकेटकीपर), कोलिन डि ग्रैंडहोम, काइल जेमिसन, टिम साउदी, नील वैगनर और ट्रेंट बोल्ट।