नई दिल्ली: पीएम मोदी पिछले 10 वर्षों में आपकी सरकार ने हर दिन “संविधान हत्या दिवस” ही तो मनाया – मल्लिकार्जुन

नई दिल्ली,(द दस्तक 24 न्यूज़) नरेंद्र मोदी के नेतृत्व बाली पिछले 10 वर्षों में सरकार ने हर दिन “संविधान हत्या दिवस” ही तो मनाया है। आपने देश के हर गरीब व वंचित तबके से हर पल उनका आत्मसम्मान छीना है। 

▪️जब मध्य प्रदेश में भाजपा नेता आदिवासियों पर पेशाब करता है, या जब यूपी के हाथरस की दलित बेटी का पुलिस जबरन अंतिम संस्कार कर देती है …तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ? 

▪️जब हर 15 मिनट में दलितों के खिलाफ एक बड़ा अपराध घटता है और हर दिन 6 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होता है…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ? 

▪️जब अल्पसंख्यकों पर ग़ैरक़ानूनी बुलडोज़र न्याय का प्रकोप होता है, जिसमें 2 वर्षों में ही 1.5 लाख घरों को तोड़कर 7.38 लाख लोगों को बेघर बनाया जाता है…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा के चपेट में है और आप वहाँ कदम तक रखना नहीं पंसद करते…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

मोदी जी, आपको मुँह से संविधान की बातें अच्छी नहीं लगती। 

BJP-RSS-Jansangh ने संविधान को कभी नहीं माना। क्या ये सच नहीं है कि RSS के मुखपत्र Organiser ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि — “भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमे भारतीय कुछ भी नहीं है” और क्या यहां RSS साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी बाबासहेब डॉ अंबेडकर जी के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में नहीं खड़ी हुई? 

▪️जब आपने मनमाने तरीक़े से नोटबंदी लागू करके, RBI जैसी संस्था को कुचला, बैंकों की लाइनों में खड़ा कर 120 लोगों की जान ली और ताली बजा-बजाकर “घर में शादी है, पर पैसे नहीं है” कहकर आम जनता का माखौल उड़ाया …तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब आपने कोविड महामारी के दौरान लाखों मज़दूरों को उनके पैरों के छाले की परवाह न किए बिना, बस-ट्रेन नहीं उपलब्ध कराई और सैंकड़ों किलोमीटर चलने को मजबूर किया, क्योंकि आपके मन में आया कि लॉक-डाउन बिना तैयारी के लगाना ज़रूरी है…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब सुप्रीम कोर्ट के 5 मौजूदा जजों ने सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर आपकी सरकार की कोर्ट में दख़लंदाज़ी पर सवाल उठाए…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब आपकी सरकार ने ED, CBI, IT का इस्तेमाल कर के 95% विपक्ष के नेताओं पर केस थोपे, कई चुनी हुई सरकारें गिराईं, राजनीतिक दलों को तोड़ा, चुनाव से दो हफ़्ते पहले देश की मुख्य विपक्षी दल के बैंक खाते फ़्रीज़ करवाए, दो-दो चुने मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब अन्नदाता किसानों पर तीन काले क़ानून थोपे जाएँ, उनको एक साल तक दिल्ली की दहलीज़ पर दर्दनाक तरीक़े से बैठने को मजबूर किया जाए, उनपर लाठी-डंडे बरसाए जाए, ड्रोन से आँसू गैस व रबर बुलेट बरसाई जाए, जो 750 किसानों की जान ले लें…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब संसद को सत्तारूढ़ दल का मैदान बना दिया जाए, जिसमें एक साथ 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर एकतरफ़ा ढंग से, तानाशाह की तरह, महत्वपूर्ण क़ानून पारित करवाए जाएँ…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब अधिकतर मीडिया को अपना चाटुकार बनाकर, विपक्ष पर 24×7 उँगलियाँ उठाई जाएँ, कॉरपोरेट दोस्तों से मीडिया को खरीदवाकर संविधान के चौथे स्तंभ को नेस्तनाबूद किया जाए…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब Electoral Bonds Scheme को संसद में जबरन पारित करवाकर भाजपा को “चंदे के धंधे” व ED, CBI, IT का डर दिखवाकर, भाजपा को ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से मालामाल किया जाए…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

▪️जब विश्वविद्यालयों में छात्रों से लेकर, स्वतंत्र पत्रकारों तक, जब Civil Society संस्थानों से लेकर IIT, IIM, FTII, NCERT, UGC तक और हर वो नागरिक जो स्वायत्तता व स्वतंत्रता से बोलना चाहता है, उस पर तानाशाही की लगाम लगाई जाए…तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है ?

मोदी जी, BJP-RSS संविधान को मिटाकर, मनुस्मृति लागू करना चाहती है। जिससे दलितों, आदिवासियों, व पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर कुठाराघात किया जा सके! 

तभी वो “संविधान” जैसे पवित्र शब्द के साथ “हत्या” जैसा शब्द जोड़कर बाबासाहेब डॉ अंबेडकर का अपमान कर रही है।