नेपाल अब भारत के एनर्जी एक्सचेंज में बिजली बेचेगा , पहले चरण में 39 मेगावाट बिजली के कारोबार को मिली इजाजत

नेपाल पहली बार भारत को प्रतिस्पर्धी दरों पर बिजली बेचेगा। भारत ने अपने पड़ोसी देश को इंडियन पावर एक्सचेंज मार्केट में बिजली के कारोबार की अनुमति दे दी है। विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एनर्जी एक्सचेंज ने नेपाल की तरफ से किए जा रहे पुरजोर प्रयासों के मद्देनजर सोमवार को कारोबार की इजाजत दी है। अब नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) अपनी अतिरिक्त बिजली को बेचने की स्थिति में होगा।

नेपाल की ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री पंफा भुसाल ने कहा, ‘राजनीतिक, राजनयिक व प्रशासनिक स्तर पर लगातार प्रयासों के बाद हमें अतिरिक्त बिजली बेचने की इजाजत मिली है। यह कदम दोनों देशों के बीच ऊर्जा कारोबार में मील का पत्थर साबित होगा।

उम्मीद है कि जल्द ही हमें अपर तामाकोशी से 456 मेगावाट, मार्सयांगडी से 69 मेगावाट व अपर भोटेकोशी से 45 मेगावाट बिजली बेचने की अनुमति मिल जाएगी।’ पहले चरण में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में 39 मेगावाट बिजली के कारोबार की अनुमति दी गई है। 24 मेगावाट का उत्पादन एनईए के स्वामित्व वाली त्रिशूली पनबिजली परियोजना और 15 मेगावाट का उत्पादन देवीघाट बिजली घर में होगा। इन दोनों परियोजनाओं का विकास भारत के सहयोग से किया गया है।
मंत्रालय के संयुक्त प्रवक्ता गोकर्ण राज पंथा ने कहा कि एनईए अब अपनी बिजली बेचने के लिए प्रतिदिन इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में नीलामी में भाग ले सकेगा। एनईए के एक अधिकारी के हवाले से हिमालयन टाइम्स ने बताया कि मध्य रात्रि से 400 किलोवाट धालकेबर-मुजफ्फरपुर अंतरराष्ट्रीय ट्रांसमिशन लाइन के जरिये बिजली का निर्यात शुरू हो जाएगा। अभी तक इस ट्रांसमिशन लाइन का इस्तेमाल बिजली लाने के लिए किया जाता था।
एनईए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से प्रतिस्पर्धी मूल्य पर 30 अप्रैल से ही बिजली का आयात कर रहा है। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, अगस्त में 456 मेगावाट की अपर तामाकोशी पनबिजली परियोजना के पूरी तरह से परिचालन में आने के बाद नेपाल ऊर्जा अधिशेष वाला देश बन गया है।
अब नेपाल के पास व्यस्ततम समय (शाम सात से रात आठ बजे) में भी अधिक बिजली उपलब्ध होती है। नेपाल में व्यस्ततम समय में 1,500 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है, जबकि 2,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसमें 1,900 मेगावाट बिजली का उत्पादन पनबिजली से हो रहा है।