पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र गोण्डा उपेन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा के सम्बन्ध में थाना रुपईडीहा जनपद बहराइच में गोष्ठी कर सम्बन्धित को दिये गये आवश्यक दिशा निर्देश

*पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र गोण्डा उपेन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा के सम्बन्ध में थाना रुपईडीहा जनपद बहराइच में गोष्ठी कर सम्बन्धित को दिये गये आवश्यक दिशा निर्देश |*
पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र गोण्डा उपेन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा थाना रुपईडीहा जनपद बहराइच में जनपदीय पुलिस अधिकारियों के साथ गोष्ठी की गयी | डीआईजी द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों से भारत-नेपाल सीमा के जनपद बहराइच मे विस्तार एवं सीमा से सटे महत्वपूर्ण स्थानों व सीमा पर अवैध तस्करी के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी एवं अवैध तस्करी के सम्बन्ध में स्थानीय स्तर पर सूचनाएं एकत्र कर प्रभावी कार्यवाही करने,सीमा क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सीमा की निगरानी करते हुये सीमा क्षेत्र में अवैध क्रिया-कलापों पर पूर्ण नियंत्रण करने तथा सीमा सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल के साथ समन्वय स्थापित करते हुये सीमा को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिये गये | इसी क्रम में डीआईजी उपेन्द्र कुमार अग्रवाल व पुलिस अधीक्षक बहराइच सुजाता सिंह द्वारा पैदल गस्त कर भारत-नेपाल सीमा प्रवेश द्वार रुपईडीहा पर आवागमन व्यवस्था का जायजा लिया गया एवं सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सशस्त्र सीमा बल के सुरक्षाकर्मियों से सीमा सुरक्षा व आवागमन में की जाने वाली आवश्यक कार्यवाहियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुये उन्हे दिशा-निर्देश दिये गये | डीआईजी द्वारा थाना रुपईडीहा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुये थाने के महत्वपूर्ण अभिलेखों की जाँच की गयी एवं विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों को शत-प्रतिशत व गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारित करने के निर्देश दिये गये |
डीआईजी उपेन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा पुलिस अधीक्षक बहराइच व बार्डर क्षेत्र के थानों- रुपईडीहा,नबाबगंज, मूर्तिहा,मोतीपुर, सुजौली के प्रभारी निरीक्षक/ थानाध्यक्ष साथ गोष्ठी कर निम्न निर्देश दिये गये-
किसी भी दशा में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता वृक्षों के अवैध कटान एवं अन्य अवैधानिक तस्करी में ना होने पाए | सभी थानो पर 50-60 व्यक्तियों का स्टाफ उपलब्ध है, जिसकी थाना प्रभारी के स्तर से मॉनीटरिगं की आवश्यकता है | यदि थानों की सहमति अथवा मौन सहमति से माफियाओं के द्वारा तस्करी, हरे वृक्षों का कटान आदि किया जाता है तो सम्बन्धित पुलिसकर्मियो एवं थाना प्रभारी के विरुद्द भी एफआईआर की जायेगी |
वृक्षों के अवैध पेड़ों के कटान से सम्बन्धित एफआईआर और अधिक गहनता से अध्ययन कर पंजीकृत करायी जाये | य़दि कोई ट्रक पकड़ा जाये तो मात्र ड्राईवर के विरुद्द अभियोग पंजीकृत ना हो बल्कि ट्रक स्वामी के विरुद्द भी अभियोग पंजीकृत होना चाहिए |
ऐसे वृक्ष जो सरकारी सम्पत्ति हैं उनके कटान होने पर 379/411 भा0द0वि0 की धारा लगायी जाये| ताकि उन पर गैंगेस्टर लगाया जा सके | पुलिस मात्र गाड़ियों की सीज करने तक सीमित ना रहे अन्यथा यह समस्या दूर नही होगी | जिन गाड़ियों से अवैध परिवहन / कटान की कार्यवाही की जाती है उनके जब्तीकरण के सम्बन्ध में नियमानुसार कार्यवाही की जाये ताकि अवैध कार्यों मे संलिप्त गाड़ियों को उनके मालिक छुड़ा ना पाये |