लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को यूपी के दूध उत्पादकों को पुरस्कार दिया गया। प्रादेशिक को ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा उत्पादकों को पुरस्कृत किया गया।
इस मौके पर यूपी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह चीफ गेस्ट रहे। साथ ही आईएएस रजनीश दुबे, शशि भूषण लाल सुशील और कुणाल सिल्कू भी मौजूद रहे। साल 2001-2002 में प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए गोकुल पुरस्कार की शुरुआत हुई थी। इसके तहत हर जिले में सर्वाधिक दूध उत्पाद करने वाले उत्पादक को नकद पुरस्कार समेत पीतल का मेमेंटो दिया गया। जिसमें गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा या श्रीकृष्ण की मूर्ति प्रतीक चिन्ह के रूप में दी जाती है।
प्रदेश स्तर पर गोकुल पुरस्कार में पहला स्थान पाने वाले को 2 लाख रुपए, दुसरा स्थान पाने वाले को 1.50 लाख एवं जिला स्तर पर 51 हजार की पुरस्कार धनराशि दी जाती है। योगी सरकार में देसी गाय के दूध उत्पादों को बढ़ाने के लिए नन्द बाबा पुरस्कार की शुरुआत हुई। जिसमें राज्य स्तर पर 51000 हजार, जिले स्तर पर 21000 एवं विकास खण्ड स्तर पर 5100 की राशि मेमेंटो समेत दी जाती है।
कार्यक्रम में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में राज्य स्तरीय गोकुल पुरस्कार में पहला स्थान लखनऊ दूध संघ के वरुण सिंह को मिला। वहीं दूसरा स्थान बरेली दूध संघ के हर विलास सिंह को मिला। वर्ष 2021–22 में राज्य स्तरीय नन्द बाबा पुरस्कार में पहला स्थान मथुरा दूध संघ के हरेंद्र सिंह को मिला।
इस दौरान दुग्ध मंत्री धर्मपाल सिंह ने पराग टी और पराग कप का अनावरण किया। जिसमें पराग के ई-कॉमर्स पोर्टल से सबसे ज्यादा उपभोक्ताओं को डोर स्टेप डिलीवरी करने वाले पराग मित्रों को दुग्ध विकास मंत्री ने टी-शर्ट पहनाकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने बताया वर्तमान सरकार गो सेवा के लिए हर संभव मदद को तैयार है।