नई दिल्ली। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शरद पवार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने को लेकर शनिवार को तीखा हमला बोला।
राकांपा प्रमुख पवार ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के संबंध में खुद ही ईडी के दफ्तर जाने का फैसला किया था, जिसे उन्होंने बाद में रद्द कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारउद्धव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सन 2000 में कांग्रेस-राकांपा सरकार द्वारा अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे को गिरफ्तार किये जाने की घटना को याद किया और कहा कि महाराष्ट्र प्रतिशोध की राजनीति की सराहना नहीं करता। उन्होंने कहा कि जब बाल ठाकरे अदालत गए थे तो किसी ने भी उनसे मुलाकात कर यह अनुरोध नहीं किया था कि वह अदालत न जाएं ताकि कानून-व्यवस्था की किसी स्थिति से बचा जा सके।
दरअसल पवार ने ऐलान किया था कि वह खुद ही दक्षिण मुंबई में ईडी के दफ्तर जाएंगे, लेकिन शुक्रवार दोपहर उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुरोध पर अंतिम क्षणों में अपना फैसला रद्द कर दिया।
अधिकारियों ने कानून- व्यवस्था को लेकर डर के चलते पवार से यह अनुरोध किया था। उद्धव ने कहा, “मेरे पिता को भ्रष्टाचार या किसी अनियमितता के लिये गिरफ्तार नहीं किया गया था बल्कि उन्हें 1992-93 दंगों के दौरान मुंबई और महाराष्ट्र में हिंदुओं को बचाने के लिये हिरासत में लिया गया था।”