नौ दिनों तक माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है लखनऊ के इस मंदिर में

माता रानी का पर्व शारदीय नवरात्रि शुरू हो गया है. हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का खास महत्व माना गया है और इस दौरान लोग मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करते हैं. हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है.
लखनऊ में कुछ ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जिनका इतिहास काफी पुराना है. उनमें से एक है श्री दुर्गा मंदिर, जो शास्त्री नगर में है और शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में से एक है. यहां नवरात्रि के समय माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है, जो दर्शन करने वाले भक्तों के मन को मोह लेता है.
दुर्गा मंदिर के पुजारी गुड्डू तिवारी ने बताया कि यहां एक प्राचीन नीम का पेड़ होता था, जिसके नीचे माता जी छोटे रूप में विराजीं थी. यहां रहने वाले लोगों में मंदिर को पुनर्स्थापित करने की जिज्ञासा आई और इसका जीर्णोद्धार 5 जुलाई 1989 को किया गया था. तब से से माता की पूजा नियमित हो रही है. माता भक्तों
नवरात्रि में नौ दिनों तक माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है और मंदिर को मेवे, चॉकलेट, टॉफी, फल और फूलों से सजाया जाता है. अष्टमी के दिन मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है और नवमी के दिन सुबह से हलवे-चने का प्रसाद बांटा जाता है. फिर, शाम 5 बजे कन्या भोज के बाद प्रसाद वितरित किया जाता है. पुजारी का कहना है कि जो भक्त मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी सभी मन्नत पूरी होती हैं.
यहां पर दर्शन करने वाले भक्तों का कहना है कि माता की लीला अपार है. यहां माता के अलग-अलग रूप में दर्शन होते हैं. कभी मुस्कुराती हुई तो कभी गुस्से में और कभी शांत रूप में. माता के दरबार में जो भी सच्चे मन से आया है, माता ने भक्त की बिना बोले अरदास पूरी की है. कुछ भक्तों का कहना है कि नवरात्रि में माता का श्रृंगार ऐसा होता है मानों माता अपने बच्चों को देख रही हैं और बात कर रही हैं.