यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य शहरों पर हमलों के बीच सोमवार को रूस और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच चौथे दौर की वार्ता शुरू हो गई। वीडियो लिंक के जरिये हो रही इस बार की वार्ता में दोनों ओर से उच्चस्तरीय अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस दौर में यूक्रेन युद्धविराम, सैनिकों की वापसी और सुरक्षा गारंटी के मुद्दे पर वार्ता कर रहा है। इस दौर की वार्ता में ठोस परिणाम सामने आने की उम्मीद की जा रही है। रूस ने संकेत दिए हैं कि चौथे दौर की वार्ता मंगलवार को भी जारी रह सकती है।
चौथे दौर की वार्ता शुरू होने की फोटो जारी करते हुए यूक्रेनी वार्ताकार मिखाइलो पोडोल्याक ने बताया है कि यूक्रेन में शांति कायम करने के लिए हमारे प्रयास चल रहे हैं। यह बातचीत कठिन है क्योंकि यूक्रेन और रूस की सरकार के ढांचे में अंतर है। इससे पहले तीन दौर की वार्ता में केवल नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए सुरक्षित गलियारे बनाने पर सहमति बन सकी है। विरोधाभासों के साथ यह व्यवस्था कायम है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने वार्ताकारों से कहा है कि वे प्रतिदिन रूसी प्रतिनिधिमंडल से बात करें और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी सीधी वार्ता सुनिश्चित कराने के लिए हर संभव प्रयास करें। इस बीच यूक्रेन ने कहा है कि दस सुरक्षित गलियारों पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है और इनके जरिये आने वाले दिनों में लोगों की निकासी जारी रहेगी। यूक्रेन से अभी तक 28 लाख से ज्यादा लोग निकलकर पड़ोसी देशों में पहुंच चुके हैं।
इससे पहले राजधानी कीव के रिहायशी इलाके में रविवार-सोमवार की रात रूस के मिसाइल हमले हुए। इन हमलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल हुए। हमले से अपार्टमेंट में आग लग गई जिससे उसमें बने फ्लैटों को काफी नुकसान हुआ है। 24 फरवरी से जारी युद्ध में रूसी सेना अभी तक राजधानी कीव में दाखिल नहीं हो पाई है। लेकिन कीव समेत कई शहरों में उसने घेरा डाल रखा है और उन पर बमबारी व गोलाबारी कर रही है
इन शहरों में हर तरह के सामान आपूर्ति बंद है। इसके चलते वहां फंसे दसियों लाख लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। यूक्रेन की सेना रूसी सेना पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगा रही है तो रूस कह रहा है कि वह नागरिकों की हत्या नहीं कर रहा, बल्कि यूक्रेनी सेना नागरिकों को ढाल बनाकर रूसी सेना पर हमले कर रही है। ज्यादातर यूक्रेनी लोग दोनों सेनाओं के बीच की गोलीबारी के बीच में आने से मरे हैं।
इस बीच रूस में उर्वरक और कोयले के बड़े कारोबारी आंद्रेई मेलनीचेंको ने कहा है कि युद्ध को जल्द रोका जाना चाहिए, नहीं तो पूरी दुनिया में खाद्य संकट पैदा हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन दुनिया में खाद्यान्न के बड़े आपूर्तिकर्ता देश हैं। इसके अतिरिक्त उर्वरक का कारोबार भी रूस के ही हाथों में है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवान ने कहा है कि यूक्रेन पर हमले कर रहे रूस की चीन ने यदि किसी तरह की मदद की तो उसे (चीन) भी दुष्परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। इस बीच रूस द्वारा चीन से हथियार और आर्थिक मदद की मांगने की चर्चा को चीन सरकार ने अमेरिका का दुष्प्रचार बताया है। कहा है कि रूस की ओर से ऐसी कोई मांग नहीं की गई है
यूक्रेन सरकार ने दावा किया है कि रूसी हमले के बाद तटवर्ती शहर मारीपोल में 2,500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। राष्ट्रपति के सलाहकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इनमें से कितने लोग रूसी हमलों में मारे गए हैं। विदित हो कि रूसी सेना मारीपोल को घेरे हुए है और वहां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जबकि यूक्रेनी सेना और लड़ाके आमजनों को बाहर निकलने नहीं दे रहे। रूसी सेना का आरोप है कि यहां नागरिकों को ढाल बनाकर यूक्रेनी सेना लड़ाई लड़ रही है।
रूस ने अब पश्चिमी यूक्रेन में स्थित देश की सबसे बड़ी विमान बनाने वाली फैक्ट्री पर हमला कर उसे बर्बाद कर दिया है। लवीव शहर के नजदीक स्थित एंतोनोव एयरक्राफ्ट फैक्ट्री पर हुए हवाई हमले में परिसर के बड़े इलाके में आग लग गई। हमले में दो लोग मारे गए हैं और सात घायल हुए हैं। यह फैक्ट्री दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक विमान बनाने के लिए जानी जाती है। इसी कंपनी का बनाया दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान कुछ दिन पहले रूसी हमले का शिकार हो गया था
रविवार को एक अमेरिकी पत्रकार की हत्या और एक के घायल होने के बाद अमेरिकी दूतावास ने अपने देश के सभी नागरिकों को यूक्रेन से निकल जाने के लिए कहा है। अमेरिकी नागरिकों को सड़क मार्ग से पड़ोसी देशों में पहुंचने के लिए कहा गया है, जहां से वे हवाई यात्रा कर अन्यत्र जा सकेंगे। सैन्य प्रशिक्षण शिविर और अन्य शहरों में बढ़े हवाई हमलों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक बार फिर से उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से यूक्रेन के आकाश को नो फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की है। पूर्व में उनकी मांग को नाटो खारिज कर चुका है।