नगर निगम, एलडीए, जिला प्रशासन और पुलिस बस के करीब 1000 से ज्यादा कर्मचारी मौजूद रहे

लखनऊ के इतिहास में अवैध निर्माण पर मंगलवार रात बड़ा अभियान चला। एक के बाद एक 24 दुकानों को करीब 9 घंटे तक बुलडोजर चला कर ध्वस्त किया गया। इस दौरान नगर निगम, एलडीए, जिला प्रशासन और पुलिस बस के करीब 1000 से ज्यादा कर्मचारी मौजूद रहे।
अभियान के लिए एलडीए और नगर निगम की टीम ने पोकलैंड सहित 20 बुलडोजर की व्यवस्था की थी। बड़े दुकान और शोरूम को तोड़ने के लिए दो बुलडोजर लगाई गईं, जबकि छोटी दुकानों के लिए एक बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। शाम करीब 4.40 बजे अभियान की शुरुआत ताज महल फर्नीचर से की गई।
एलडीए की टीम दो महीने पहले ही इन दुकानों को तोड़ना चाहती थी लेकिन कोर्ट से स्टे मिलने की वजह से कार्रवाई टल रही थी। मंगलवार को कोर्ट ने शोरूम मालिकों की याचिका को खारिज कर दिया।
25 दुकानों को लेकर सुनवाई हुई थी, इसमें एक को छोड़ 24 दुकानों को तोड़ने की याचिका खारिज हो गई। एलडीए अधिकारियों के पास जैसे ही कागज हाथ आया वैसे ही अभियान शुरू हो गया। हालांकि इसकी तैयारी सुबह से की जा रही थी।
सूत्रों का कहना है कि प्रशासन का अभियान इसलिए और तेज कर रहा है कि कहीं दुकान मालिक सुप्रीम कोर्ट ना चले जाएं। जब तक दुकानदार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे तब तक यहां सभी दुकानों पर कार्रवाई हो चुकी होगी। ऐसे में दुकान मालिकों को वहां से कोई राहत नहीं मिलेगी।
प्रशासन की कार्रवाई में लखनऊ व्यापार मंडल के महामंत्री सोहेल हैदर अल्वी की दुकान सबसे पहले तोड़ी गई। सोहेल हैदर अल्वी की ताजमहल फर्नीचर की नाम की दुकान है। जानकारों की मानें तो अकबरनगर में हुए विरोध का नेतृत्व ज्यादातर सोहेल हैदर माध्यम से हो रहा था। ऐसे में सबसे पहले इन्हीं की दुकान को टारगेट किया गया, जिससे कि बाकी लोग अपने आप पीछे हो जाएंगे।
अदालत में प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ दुकान मालिकों ने याचिका दी थी। दुकानदारों ने जीएसटी, टैक्स रिटर्न के कागज दिखाकर कार्रवाई के खिलाफ आपत्ति जताई थी। लेकिन जब कोर्ट ने जमीन के कागज मांगे तो कोई भी दुकान मालिक कागज नहीं दिखा पाया।
अकबरनगर में रहने वाले खुर्शीद ने कहा कि हम यहां 30 साल से रह रहे हैं। प्रशासन की टीम हमसे मकान खाली करवा रही है। हम दो भाई हैं। दोनों भाइयों के परिवार को मिलकर घर में 10 लोग हैं। लेकिन अब सब उजाड़ दिया जाएगा। समझ में नहीं आ रहा है कि हम कहां जाएं। हम तो बेघर हो जाएंगे।
दरअसल, कुकरैल नदी को छोटे रिवर फ्रंट के तौर पर विकसित किया जाना है। इसलिए ये कार्रवाई की जा रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया, 78 मलिन बस्तियों को आज हटाया जाएगा।
अकबरनगर द्वितीय में बंधे के किनारे बनी झोपड़-पटि्टयों में रहने वाले लोगों को वसंत कुंज योजना में बनी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया जा रहा है। फिलहाल 5000 रुपए लेकर इनको वहां पर आवास दिया जा रहा है। फिर इनसे LDA किस्तों में पैसा जमा करवाएगा। सोमवार सुबह 42 लोगों को मकान अलॉट किया गया।