उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीतों की तस्वीर अब काफी हद तक साफ हो गई है। अब तक की तस्वीर से ये बात बेहद स्पष्ट हो गई है कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राज्य में वर्षों बाद ऐसा हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री लगातार दोबारा सत्ता पर काबिज होने जा रहा है। हालांकि पिछली बार के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी को कुछ सीटों पर नुकसान होता भी दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद भाजपा की सूबे में सरकार का बनना अब तय हो गया है।
इस चुनाव में भाजपा को समाजवादी पार्टी और उसके गठबंधन से कुछ सीटों पर टक्कर देखने को मिल रही है। इसके बावजूद सूबे के लोगों ने भाजपा पर दोबारा विश्वास जताकर ये साफ कर दिया है कि मोदी है तो मुमकिन है। सूबे की जनता ने न केवल पीएम नरेन्द्र मोदी पर भरोसा जताया है बल्कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पूरे नंबर से पास हुए हैं।
यहां पर ये जानना काफी खास है कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सूबे में तीसरे नंबर की पार्टी हुआ करती थी, जो 2017 के चुनाव में जबरदस्त बढ़त के साथ उभरी और सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। पिछले चुनाव में पार्टी को करीब 40 फीसद वोट मिले थे।
इस चुनाव में मोदी योगी का फैक्टर सबसे बड़ा रहा है। बता दें कि यूपी चुनाव की तैयारी पार्टी ने एक वर्ष पहले ही शुरू कर दी थी। चुनाव की घोषणा होने से काफी समय पहले ही पार्टी ने यहां पर अपनी कैंपेन भी शुरू कर दी थी। इस फायदा भी भाजपा को मिला है। भाजपा का चुनाव प्रचार काफी तेज रहा है। भाजपा लगातार डबल इंजन की सरकार में सुरक्षा और विकास को जो नारा दे रही थी उस पर लोगों ने विश्वास जताया है।
इस चुनाव की कैंपेनिंग के लिए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने करीब 203 रैलियां और रोड़ शो किए थे। वहीं पीएम मोदी ने सूबे में करीब 28 रैलियां और रोड़ शो किए थे। इनके अलावा सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सूबे में 131 और प्रियंका गांधी ने 209 रैलियां और रोड़ शो किए थे। यूपी के विधानसभा चुनाव में एक तरफ जहां पीएम मोदी ने यूपी में चुनाव की कैंपेनिंग में बड़ी भूमिका निभाई वहीं योगी भी इसमें कहीं पीछे दिखाई नहीं दिए। दोनों ने मिलकर सूबे में ताबड़तोड़ रैलियां की।