मोदी सरकार ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। मेघालय में सक्रिय उग्रवादी समूह हिनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल को सरकार ने बैन कर दिया है। गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि एचएनएलसी उसके सभी धड़ों, शाखाओं और उससे जुड़े संगठनों ने भारतीय संघ से राज्य के उन क्षेत्रों को अलग करने के अपने उद्देश्य की सार्वजनिक घोषणा की है, जिनमें मुख्य रूप से खासी और जयंतिया जनजातियां रहती हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि अगर तुरंत रोका न गया तो एचएनएलसी खुद को दोबारा खड़ा कर और मजबूत हो जाएगा। यह समूह जबरन धन वसूलने के लिए आम लोगों को डराता-धमकाता और परेशान करता है। मोदी सरकार का यह भी मानना है कि एचएनएलसी की गतिविधियों से भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को खतरा है।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र सरकार अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा तीन की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एचएनएलसी, उसके सभी धड़ों, शाखाओं और इससे जुड़े संगठनों को अवैध घोषित करती है।