केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट फैसलों को जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकता में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दे दी गई है। 8,575 करोड़ रुपये की लागत से 16.6 किलोमीटर ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। इससे मास ट्रांजिट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि इससे मेट्रो कॉरिडोर से 24 परगना और हावडा जिले में रहने वाले लोगों को फायदा पहुंचेगा और करीब आठ लाख लोग रोजाना इससे सफर करेंगे। मंत्री ने बताया कि यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2021 तक तैयार होगा। इतना ही नहीं हावडा में मेट्रो का सबसे डीपेस्ट मेट्रो स्टेशन होगा। इतना नहीं इस मेट्रो ट्रेन सेट को भारतीय कंपनी पीएमएल तैयार करेगी जो आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कुल रूट की लंबाई 16.6 किमी है जिसमें 12 स्टेशन होंगे। इस परियोजना से यातायात में आसानी होगी, शहरी संपर्क बढ़ेगा और लाखों यात्रियों आसानी से एक जगह से दूसरी जगह जा सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार कोकी मंत्रिमंडल बैठक में नैचुरल गैस मार्केटिंग का सुधार किया गया, जो देश में गैस इकोनॉमी को बढ़ावा देगा। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि नैचुरल गैस मूल्य निर्धारण तंत्र को पारदर्शी बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने आज एक स्टैंडर्डाइज़्ड ई-बोली प्रक्रिया को मंजूरी दी। ई-बोली के लिए जल्द ही दिशानिर्देश बनाए जाएंगे।
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आने वाले ठंडी के दिनों में लोगों को सावधानी बरतनी होगी। कोरोना की कोई दवा नहीं है, वैक्सीन नहीं है। ऐसे में एक ही सुरक्षा कवच है-मास्क, सुरक्षित दूरी और बराबर हाथ धोना। यही त्री सूत्री बचाव है। कल से इसके लिए एक जनांदोलन शुरू होगा। इसमें प्लेन से लेकर ट्रेन, बाजारों से लेकर पुलिस स्टेशन तक हर जगह पोस्टर लगाए जाएंगे और लोगों को जागरुक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जापान के साथ सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसमें दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा और अन्य सहयोग पर ज्ञान और प्रौद्योगिकी का आपसी आदान-प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कनाडा के साथ एक एमओयू साइन किया गया है। भारत का ज़ूलॉजिकल सर्वे और कनाडा की एक संस्था ने प्राणियों के ज़िनोम की बार्कोडिंग करने के लिए समझौता किया है।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि स्टॉकहोम कन्वेंशन का अनुसमर्थन करते हुए, स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक सात केमिकल्स पर प्रतिबंध लगाया गया। भारत दुनिया को एक पॉजिटिव संदेश दे रहा है कि हम इस क्षेत्र में भी सक्रिय हैं और हम स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरे को बर्दाश्त नहीं करते।