इजरायल के मिलिट्री इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख रिटायर्ड मेजर जनरल अमोस याडलिन ने मंगलवार दोपहर अगर पीएम मोदी शांति के लिए मध्यस्थता की कोशिश करते हैं, तो इजरायल उसका स्वागत करेगा. लेकिन हमास शांति नहीं चाहता है. इजरायल-हमास जंग का मंगलवार को चौथा दिन है. अब तक 1600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. 6000 से अधिक घायल हुए हैं. इजरायल ने गाजा बॉर्डर पर कब्जा कर लिया है. फिलहाल शांति या युद्धविराम का कोई संकेत नहीं है. इस बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने फोन पर बात की. नेतन्याहू ने पीएम मोदी को जंग के बारे में पूरी जानकारी दी. मोदी ने कहा- “भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजरायल के साथ हैं. हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं.” इजरायल के मिलिट्री इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख रिटायर्ड मेजर जनरल अमोस याडलिन ने पीएम मोदी के इस स्टैंड पर प्रतिक्रिया दी है. जिस तरह भारत ने G-20 समिट में अफ्रीकी संघ को शामिल करने के लिए सदस्य देशों को राजी किया था, क्या उसी तरह भारत इजरायल के मामले में भी अहम भूमिका निभा सकता है? इसके जवाब में याडलिन ने कहा, “तेल अवीव पीएम मोदी के चमत्कार का स्वागत करेगा.”
इस नाकामी के लिए बेंजामिन नेतन्याहू सरकार जिम्मेदार-याडलिन
खुफिया विभाग की इस बड़ी नाकामी के लिए बेंजामिन नेतन्याहू सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ने कहा, “आप लीडरशिप पर सवाल उठाए जाने को नहीं रोक सकते, क्योंकि ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री की ही है… उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की उपेक्षा की, उन्होंने रक्षा मंत्रियों विश्लेषकों और मेरी चेतावनियों को नजरअंदाज़ किया…”
नेतन्याहू बोले- “हम पर जंग थोपी गई, अब इसे हम ही खत्म करेंगे”
दूसरी तरफ जंग के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने हम पर हमला करके सबसे बड़ी गलती की है. हम इसकी ऐसी कीमत वसूलेंगे, जिसे हमास और इजरायल के बाकी दुश्मनों की पीढ़ियां दशकों तक याद रखेंगी. PM नेतन्याहू ने कहा- “हम युद्ध नहीं चाहते थे. हम पर बहुत क्रूर तरीके से यह थोपा गया. हमने भले ही युद्ध शुरू नहीं किया, लेकिन इसका अंत हम ही करेंगे. इजरायल सिर्फ अपने लोगों के लिए नहीं बल्कि बर्बरता के खिलाफ खड़े हर देश के लिए लड़ रहा है. रिटायर्ड मेजर जनरल