MLA श्रीनिवासमूर्ति, मांगी सुरक्षा, एक विधायक के साथ ऐसा हो सकता है तो दूसरों का क्या?

अपने आवास पर कल हुए हमले के बारे में कांग्रेस विधायक श्रीनिवासमूर्ति ने कहा कि कल कुछ अज्ञात लोगों ने मेरा घर में आग लगा दी, पेट्रोल बम भी फेंके। पुलिस को मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों को खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अगर एक विधायक के साथ ऐसा हो सकता है तो दूसरों का क्या होगा। मैंने गृह मंत्री, पुलिस अधिकारियों और पार्टी के नेताओं से बात की है। जिन्होंने वैसा किया वे सभी मेरे क्षेत्र के नहीं है, वे बाहरी है। मुझे सुरक्षा मिले तो अच्छा रहेगा। ज्ञात हो कि बेंगलुरु में मंगलवार शाम और देर रात को भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हिंसा भड़क गई। नाराज भीड़ ने विधायक श्रीनिवास मूर्ति के घर के साथ ही बेंगलुरू पूर्व के केजे हाली पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया है। इस दौरान हालात को काबू करने के लिए पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक अन्य शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अचानक भड़की हिंसा में 60 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। वहीं, मामले में पुलिस ने अबतक 145 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालात को देखते हुए इलाके में सीआरपीएफ (CRPF) और सीआइएसएफ (CISF) की कंपनियों को भी तैनात किया गया है। कर्नाटक के सीएम येदियुरप्‍पा ने दोषी लोगों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की बात कही है।

बेंगलुरु के डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थाना इलाके में मंगलवार देर रात हिंसा हुई, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगाया गया। साथ ही बेंगलुरु में धारा 144 लगाई गई है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर करने के आरोपी नवीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।पुलिस के मुताबिक, अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हिंसा के दौरान विधायक श्रीनिवास मूर्ति ने लोगों से हिंसा का सहारा नहीं लेने की अपील की। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मैं अपील कर रहा हूं कि हमें कुछ उपद्रवियों द्वारा की गई गलती के लिए हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए। लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। हम सभी भाई हैं। दोषी को कानून के अनुसार सजा मिलेगी। हम आप के साथ हैं। मैं लोगों से शांत रहने की अपील करता हूंउधर, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कल रात बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक के आवास पर हुई हिंसा को लेकर येदियुरप्पा सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि दंगे अस्वीकार्य और निंदनीय हैं। यह राज्य में कानून व्यवस्था की असफलता है। कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार सो रही थी या हिंसा होने का इंतजार कर रही थी?