राहुल के आरोपों पर रक्षा मंत्रालय की दो-टूक, फिंगर चार ही नहीं, फिंगर आठ तक है भारतीय भूभाग

सरकार ने साफ कर दिया है कि पैंगोंग झील इलाके से सैनिकों की वापसी को लेकर चीन से हुए समझौते में भारत ने अपनी कोई जमीन पड़ोसी देश को नहीं सौंपी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय भूभाग फिंगर चार तक ही नहीं, बल्कि भारत के मानचित्र के हिसाब से फिंगर आठ तक है। समझौते पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि पूर्वी लद्दाख में राष्ट्रीय हितों और भूभाग की प्रभावकारी तरीके से रक्षा इसलिए हुई है कि सरकार ने हमारी सेनाओं की क्षमता में पूरा विश्वास जताया है।

रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि हमारे सैन्य बलों की कुर्बानी के जरिये हासिल हुई इस उपलब्धि पर जो सवाल खड़े कर रहे हैं, वे इन सैनिकों का अपमान कर रहे हैं। राहुल गांधी के प्रेस कांफ्रेंस के कुछ घंटों बाद ही रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर तथ्यों को साफ किया।

कांग्रेस नेता का नाम लिए बिना रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पैंगोंग झील इलाके में सैनिकों की वापसी पर हुए समझौते को लेकर कुछ भ्रामक और गुमराह करने वाले बयान सामने आए हैं। इसके मद्देनजर रक्षा मंत्रालय फिर से दोहरा रहा है कि समझौते से जुड़े तथ्यों की स्थिति रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में पूरी तरह स्पष्ट कर दी थी।

रक्षा मंत्रालय ने इसके बाद फिंगर चार तक भारतीय भूभाग होने के राहुल के बयान पर कहा कि यह बयान पूरी तरह गलत है। भारत के मानचित्र में 43,000 वर्ग किलोमीटर का वह इलाका भी शामिल है, जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। यहां तक कि भारत के नजरिये के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) फिंगर आठ तक है, न कि फिंगर चार तक। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत फिंगर आठ तक पेट्रोलिंग करने के अपने अधिकार के रुख पर कायम रहा है और चीन के साथ मौजूदा समझौते में भी हमारा यही रुख रहा है।

समझौते में भारतीय सैनिकों के सीमित रहने को लेकर राहुल गांधी के सवालों पर भी रक्षा मंत्रालय ने तस्वीर साफ करते हुए कहा कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे के दोनों तरफ स्थायी पोस्ट पुराना और स्थापित है। भारत की तरफ फिंगर तीन के करीब धान सिंह थापा पोस्ट है और चीन की तरफ गर आठ के निकट पूर्व दिशा की तरफ। 

ताजा समझौते के तहत दोनों पक्ष अग्रिम मोर्चे पर तैनाती से पीछे हटेंगे और इन स्थायी पोस्टों पर सैनिकों की तैनाती जारी रहेगी। इस समझौते में भारत ने अपना कोई भूभाग नहीं दिया है। इसके विपरीत चीन को एलएसी की मर्यादा का पालन करने के लिए बाध्य करते हुए हमने यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिशों को रोका है।

डेपसांग, गोगरा और हॉट स्पि्रंग इलाके में चीनी सैनिकों की मौजूदगी के राहुल के सवालों पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री ने संसद के अपने बयान में स्पष्ट किया था कि इन इलाकों से जुड़े विवाद का समाधान होना अभी बाकी है। पैंगोंग झील के इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के अंदर बचे हुए मुद्दों के समाधान पर बातचीत होगी।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ