नेपाल में दो महीने पहले बनी पुष्प कमल दहल की सरकार से उप-प्रधानमंत्री राजेंद्र सिंह लिंगदेन समेत राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के 4 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, प्रचंड की सरकार ने गठबंधन से बाहर जाकर राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के रामचंद्र पौडेल को समर्थन देने की घोषणा की है। इससे नाराज RPP के मंत्रियों ने शनिवार को सरकार से हटने का फैसला लिया।
हालांकि, जिन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है, उनकी पार्टी ने अब तक आधिकारिक तौर पर सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया है। अगर ऐसा होता है तो प्रचंड सरकार खतरे में आ सकती है। नेपाल की संसद में 275 सीट हैं, जिसमें RPP की 14 सीटें हैं। इसके साथ ही वो 5वीं सबसे बड़ी पार्टी है।
शनिवार को नेपाल के PM ऑफिस ने 4 मंत्रियों के इस्तीफे की बात स्वीकार की है। हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि सरकार ने उनका इस्तीफा माना है या नहीं। मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले RPP के नेता लिंगदेन के पास ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय था। वहीं उपाध्यक्ष बिक्रम पांडे के पास शहरी विकास मंत्रालय और नेता ध्रुव बहादुर प्रधान के पास कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्रालय था। इसी तरह, दीपक बहादुर सिंह सरकार में ऊर्जा राज्यमंत्री थे।
दूसरी तरफ, नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल का नेपाल का राष्ट्रपति बनना लगभग तय हो गया है। उनके पास नेपाली कांग्रेस, CPN-माओवादी केंद्र, जनता समाजवादी पार्टी और CPN पार्टी समेत आठ पार्टियों का नया गठबंधन बना है। नेपाल में 9 मार्च को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। यहां राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है और एक व्यक्ति को सिर्फ 2 बार ही राष्ट्रपति पद के लिए चुना जा सकता है।
इससे पहले 7 फरवरी को नेपाल की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने प्रचंड की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। वहीं गठबंधन में फूट पड़ने से कई मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। जिससे सरकार खतरे में आ गई थी।
दरअसल, नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी को नेपाल के डिप्टी PM रबि लामिछाने को दोहरी नागरिकता के मामले में दोषी माना था। कोर्ट ने सांसद के तौर पर उनकी सदस्यता और चुनाव को रद्द करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद उन्हें डिप्टी पीएम और गृहमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। लामिछाने पर आरोप थे कि उनके पास नेपाल के अलावा अमेरिका की भी नागरिकता है।