बैलेट पेपर से चुनाव होता तो मेयर भी जीतते:मायावती

यूपी निकाय चुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती का पहला रिएक्शन आया है। इसमें उन्होंने बीजेपी सरकार पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा- सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर यह चुनाव जीता गया है। बीएसपी चुप नहीं बैठेगी। वक्त आने पर बीजेपी को इसका जवाब जरूर मिलेगा।
मायावती ने ट्वीट किया, यूपी निकाय चुनाव में भाजपा ने साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल किया। अगर यह चुनाव भी फ्री एंड फेयर होता, तो नतीजों की तस्वीर कुछ और होती। बैलेट पेपर से चुनाव होने पर BSP मेयर चुनाव भी जरूर जीतती।
उन्होंने कहा, “वैसे चाहे भाजपा हो या सपा दोनों ही पार्टियां सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं। जिस कारण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है। इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ और यह अति-चिंतनीय है।”
इस बार निकाय चुनाव से पहले मायावती सोशल मीडिया पर एकदम से एक्टिव हुईं। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद उन्होंने सबसे पहले लिस्ट जारी की। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती और बसपा के बड़े चेहरे दमखम के साथ चुनाव में उतरेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
एक तरफ जहां सत्ताधारी दल की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली। वहीं अखिलेश यादव भी सपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे थे। ताबड़तोड़ जनसभाएं चल रही थीं। लेकिन बसपा की ओर से ना तो मायावती प्रचार में उतरीं और ना ही सतीश चंद्र मिश्रा जैसे वरिष्ठ नेता चुनावी मैदान में नजर आए। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार स्थानीय और मंडल स्तर के नेताओं की ओर से किए गए प्रचार के बूते ही अपनी किस्मत आजमा रहे थे।
2017 के निकाय चुनाव में बसपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे लेकिन प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया था। उस चुनाव में बसपा ज्यादा सक्रिय थी। बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा जैसे बड़े नेता ने चुनाव की कमान संभाली थी।
पार्टी के अन्य कई वरिष्ठ नेता भी चुनाव प्रचार में उतरे थे। पार्टी का इसका फायदा भी मिला था। अलीगढ़ और मेरठ में बसपा ने मेयर का चुनाव जीता था। नगर पालिका में भी 29 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, नगर पंचायत की 45 सीटों पर कब्जा किया था। बता दें, 2017 के निकाय चुनाव में बसपा ने 76 सीट पर जीत दर्ज की थी। जबकि इस निकाय चुनाव में पार्टी के 52 उम्मीदवार जीते हैं।
निकाय चुनाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया। उन्होंने पहले अपने प्रत्याशियों को जीत की बधाई दी। फिर कहा- नगरों से थोड़ा बाहर आते ही, हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है।
निकाय चुनाव का रिजल्ट आने के बाद विपक्ष हमलावर है। मायावती, अखिलेश समेत कई नेता बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच, डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी नेताओं के आरोपों का जवाब दिया है। मौर्य ने ट्वीट किया, ‘चुनाव जीतने को ठीक बताना, हारने पर व्यवस्था को खराब बताना, विपक्षी दलों का फ़ैशन है। निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग/ व्यवस्था में लगे पुलिस/प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों को बधाई। कोई भी चुनाव लोकतंत्र का महोत्सव होता है। हार-जीत उसका हिस्सा है। 5 साल में फिर चुनाव होगा!
नगर पालिका की 199 सीटों में से भाजपा को 88 सीटें मिली हैं। जबकि सपा को 36 तो बसपा को 16 सीटें मिली। वहीं कांग्रेस को 5 और अन्य ने 54 सीट पर जीत दर्ज की।
नगर पंचायत की 544 सीटों में से भाजपा ने 184 सीट पर कब्जा किया है। जबकि सपा को 76 तो बसपा को 36 सीटें मिली। वहीं, कांग्रेस को 13, आम आदमी पार्टी को एक और अन्य को 225 सीटें मिलीं।