लखनऊ का हाईजिया इंस्टीट्यूट और ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट के संचालक हैं मास्टर माइंड, पढ़िए ED के रेड बाद खुलासा

यूपी में स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप में घोटाला सामने आया है। इसका खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने किया। दरअसल, ED को किसी ने इसकी गोपनीय शिकायत की थी। इसी की पड़ताल में ED यूपी के 6 जिलों में ताबड़तोड़ छापे मारे तो पूरे मामले की पोल खुली। ED को कई ऐसे डॉक्यूमेंट हाथ लगे हैं, जिसमें अल्पसंख्यक, SC-ST स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप में 100 करोड़ रुपए का घपला हुआ है। इसके लिए बैंक एजेंट्स ने गांववालों को सरकारी स्कीम के फायदे का झांसा देकर उनके नाम पर 3000 फेक अकाउंट्स खोल लिए। इनमें 60 साल से अधिक उम्र के लोग भी हैं।

ED कई एजेंट्स को अब तक हिरासत में ले चुकी है। करीब 110 कॉलेज संचालन और बैंक से जुड़े कर्मचारियों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। ED के रडार पर आए एक बैंक एजेंट का भाई IB में अफसर है। जबकि एक एजेंट दरोगा का बेटा है।
16 फरवरी को सुबह के 7 बज रहे होंगे। ED की नई दिल्ली और लखनऊ के जोनल कार्यालय की टीम ने लखनऊ, हरदोई, फर्रुखाबाद, बाराबंकी समेत 6 शहरों में रैपिड एक्शन फोर्स के साथ रेड डाल दी। ये रेड मेडिकल, मैनेजमेंट, एजुकेशनल संस्थानों से जुड़े 22 ठिकानों पर पर पड़ी।

छापेमारी के बाद ED को जो डॉक्यूमेंट्स मिले हैं, उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। स्कॉलरशिप घोटाले के लिए स्कूल संचालकों ने सबसे पहले 3000 हजार फेक खाते खोले। ये खाते ऐसे लोगों के नाम पर थे, जिनका कोई भी आधिकारिक स्टूडेंट्स रिकॉर्ड नहीं था। इन्हीं खातों ठगों ने करीब 100 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया। ये रकम स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप के लिए थी।

ये खाते इसलिए खुल पाए, क्योंकि इसमें कुछ बैंक एजेंट भी संलिप्त थे। ED के रडार पर जिन दो बैंकों के एजेंट सबसे पहले आए, उनके नाम फिनो बैंक और ग्रामीण बैंक हैं। दरअसल, एजेंटों ने ग्रामीण और परिचित लोगों के साथ धोखाधड़ी करके अकाउंट्स खोल दिए।
ED सूत्रों के मुताबिक लखलऊ में फैजुल्लागंज क्षेत्र स्थित हाईजिया इंस्टीट्यूट और फर्रुखाबाद में ओमप्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के संचालक इस घोटाले के मास्टर माइंड हैं। अब ED की जांच इन्हीं के इर्द-गिर्द चल रही है।
ED की टीम ने लखनऊ में जानकीपुरम स्थित हाईजिया के संचालक के घर और विकासनगर स्थित हॉस्टल में रेड डाली तो उसे घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए।
ED के अधिकारियों ने ओमप्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट के संचालक प्रभात गुप्ता के लखनऊ स्थित घर, कॉलेज और उनके मॉडर्न अल्ट्रासाउंड सेंटर पर दस्तावेज खंगाले। इसमें कई अहम सुराग मिले हैं।
टीम ने इनके करीबियों के हरदोई और अतरौली के मदारपुर कुकुरा स्थित जीविका काॅलेज ऑफ फाॅर्मेसी के 2 ठिकानों भी रेड डाली। बाराबंकी और हैदरगढ़ में भी इन संस्थानों से जुड़े लोगों के ठिकानों पर तलाशी ली।
ED ने कॉलेज संचालकों के खातों की बैंकों को मेल कर मांगी डिटेल
ED ने बैंकों से ऐसे खातों से 5 हजार रुपए से ज्यादा किए गए हर लेन-देन की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। जिससे पता चले सके कि यह रकम कब और किसके खाते में भेजी गई है।
ED की जांच में स्कॉरशिप घोटाले में कॉलेज संचालकों के तार बैंक एजेंटों के साथ जुड़ रहे हैं। कॉलेज संचालकों ने फिनो पेमेंट बैंक के एजेंटों के माध्यम से ग्रामीण लोगों के आधार कार्ड बनवाए। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा दिया।
स्कॉरशिप घोटाले की जांच में ED को लखनऊ के हाईजिया इंस्टीट्यूट और फर्रुखाबाद के ओमप्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में इस तरह के सबसे ज्यादा खाते खोले जाने के सबूत मिले हैं। इन्हीं संचालकों की मदद से अन्य कॉलेज के संचालकों ने भी फर्जी खाते खुलवाकर स्कॉलरशिप का पैसा हड़प लिया।
ईडी सूत्रों के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं के तहत आने वाली स्कॉलरशिप में भी करोड़ों रुपए की हेरफेर की गई है। इसके लिए संस्थानों ने फेक छात्र-छात्राओं का एडमिशन दिखाकर उनके फर्जी खाते खुलवाए। फिर उनके खातों में आई स्कॉलरशिप को निजी हितों के लिए निकाल लिया।
अभी तक की जांच में कई बैंक कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आए हैं। कई गिरफ्तारियां भी हुई। टीम यूपी से लेकर मुंबई तक इनसे जुड़े खातों का ब्योरा जुटा रही है।
इस मामले में ED ने मनी लॉड्रिंग का केस दिसंबर 2022 में दर्ज किया था। 2017 में विजिलेंस ने भी इस मामले की जांच की थी।
ED सूत्रों के मुताबिक फर्जी खाते खोलने में शामिल लखनऊ निवासी फिनो पेमेंट बैंक के एजेंट रवि प्रकाश गुप्ता का भाई केंद्रीय खुफिया एजेंसी IB में अफसर है। जबकि एजेंट अमित कुमार मौर्या दरोगा का बेटा है। अमित ने अकेले ही करीब 800 खाते खोले हैं। बाराबंकी में फिनो बैंक का सेवा केंद्र चलाने वाले तनवीर अहमद ने 300 खाते खोले।
फिनो पेमेंट बैंक का जनसेवा केंद्र चलाने वाले बारबंकी निवासी तनवीर अहमद से पूछताछ में ED को बताया कि उसने करीब 300 खाते हाइजिया इंस्टीट्यूट के छात्रों के नाम से एक साल पहले खोले थे। फिनो पेमेंट बैंक पहले फिनो पे-टेक लिमिटेड कंपनी थी। ग्रामीण इलाकों में इसके एजेंट घूम-घूम कर खाते खोलते हैं। फिनो को 2006 में रिपी गुप्ता ने शुरू किया था। जून, 2017 में इसे पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस मिल गया।
ED ने स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़े करीब 110 कॉलेज संचालन और बैंक से जुड़े कर्मियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। इन्हें एक सप्ताह के अंदर काॅलेज से जुड़े दस्तावेजों और परिवारिक संपत्ति का ब्योरा लेकर हाजिर होना है।
ED की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ये खाते संस्थानों ने 7 से 12 साल के बच्चों से लेकर 60 से अधिक उम्र के लोगों के नाम से खुलवाए थे, जिन्हें इसकी भनक तक नहीं थी।
सूत्रों के मुताबिक स्कॉलरशिप के खेल में फिनो पेमेंट बैंक के एजेंट शामिल थे। इनमें रवि प्रकाश गुप्ता, मो. साहिल अजीज, अमित मौर्या, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह द्वारा खुलवाए गए खातों में पैसा भेजा गया।
इन्हीं के माध्यम से अकाउंट किट और चेकबुक भी हासिल कर ली गई थी। जिसे स्कूल संचालक खुद आपरेट करते थे। यह खाते लखनऊ और मुंबई की शाखाओं में खोले गए थे। संचालकों ने कॉलेज परिसर में फिनो के माइक्रो एटीएम भी लगवा लिए थे। इसी से पैसे निकाले जाते थे।
ED ने SS इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट मामपुर लखनऊ, हाइजिया कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी लखनऊ, हाइजिया इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मेसी-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मेसी लखनऊ, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन, डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी फर्रुखाबाद, डॉ. भीमराव आंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी हरदोई, आरपी इंटर कॉलेज भताई हरदोई, ज्ञानवती इंटर कॉलेज तेरवा माधोगंज हरदोई और जगदीश प्रसाद वर्मा उच्च माध्यमिक विद्यालय गौशगंज कचौना हरदोई में छापा मारा था।
हाइजिया समूह के कॉलेजों का नियंत्रण और प्रबंधन आईएच जाफरी द्वारा किया जाता है, जबकि ओपी गुप्ता संस्थान का शिवम गुप्ता द्वारा, एसएस संस्थान का प्रवीण कुमार चौहान द्वारा और जीविका समूह का राम गुप्ता द्वारा किया जाता है।