नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पकड़े गए 11 फर्जी टीटीई से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सभी फर्जी टीटीई की स्टेशन पर रोजाना सुबह-शाम उनकी हाजिरी लगती थी। हाजिरी के बाद उन्हें बताया जाता था कि किस प्लेटफॉर्म पर उन्हें ड्यूटी करनी है। सभी को बताया गया था कि उनकी ट्रेनिंग चल रही है और इसके बाद उन्हें पोस्टिंग मिलेगी।
पुलिस के अनुसार, इनमें से किसी को नहीं पता था कि उनकी नियुक्ति फर्जी है। यहां तक कि फर्जी टीटीई को स्टेशन पर ट्रेनिंग देने वाले के पास भी जाली आईकार्ड था लेकिन वह इससे अनजान था और वह अपनी नियुक्ति के लिए आरोपियों को डेढ़ लाख रुपये दे चुका था। उसे लग रहा था कि वह अन्य से अधिक बुद्धिमान है, इसलिए उसे ट्रेनिंग की जिम्मेदारी दी गई है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के मुख्य टिकट इंचार्ज देवेंद्र कुमार छाबड़ा के बयान पर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। छाबड़ा ने अपनी शिकातय में बताया है कि कानपुर शताब्दी के ट्रेन सुपरिटेंडेंट रितेश वाधवा ने उन्हें भूपेंद्र चौरसिया नामक फर्जी टीटीई के बारे में जानकारी दी थी। भूपेंद्र को नई दिल्ली स्टेशन पर पकड़ा गया तो उसने बताया कि वह यूपी के महराजगंज का रहने वाला है और 20 दिनों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टीटीई की ट्रेनिंग ले रहा है।
भूपेंद्र ने बताया कि उसे प्रशांत नामक व्यक्ति ने आईकार्ड दिया था और उसने इस भर्ती के लिए प्रशांत को पांच लाख रुपये दिए थे। भूपेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने स्टेशन पर फर्जी टीटीई की हाजिरी लेने वाले रिजवान को गिरफ्तार किया। वह यूपी के बदायूं का रहने वाला है।
रेलवे के डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा, ‘पकड़े गए 11 लोगों में से पांच को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य छह से पूछताछ की जा रही है। छह के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिलने के चलते उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।’
स्टेशन पर फर्जी टीटीई को ट्रेनिंग देने वाले आरोपी रिजवान ने बताया कि उसे 25 मई को डीआरएम दफ्तर के बाहर प्रदीप और संदीप मिले थे, जिन्होंने कहा कि वे टीटीई की नौकरी दिलवा सकते हैं। उन्होंने उससे डेढ़ लाख रुपये लेकर मोबाइल पर आईकार्ड भेजा था। रिजवान ने बताया कि आरोपियों ने उसे टीटीई का काम बताया और कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर और कुछ युवक भर्ती हुए हैं, उन्हें तुम ट्रेनिंग दो। रिजवान की निशानदेही पर गगनदीप, गौरव व अमनदीप पकड़े गए हैं।
पुलिस ने फर्जी टीटीई तो गिरफ्तार कर लिए हैं, लेकिन मुख्य आरोपी अब भी हत्थे नहीं चढ़े हैं। रुपये लेकर इन युवाओं को फर्जी टीटीई बनाने वाले फरार हैं। पुलिस का कहना है कि उनकी तलाश में कई टीम लगी हैं।