बसपा में कई पदाधिकारियों पर गिर सकती है गाज, मिले संकेत

सुप्रीम कोर्ट के एससी /एसटी आरक्षण के वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के आदेश को लेकर लगातार विरोध दर्ज करा रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अब अपने पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं को कड़ा संदेश दिया है।

उन्होंने कहा है कि एससी /एसटी के वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के पक्षधर लोगों की बसपा में कोई जगह नहीं है। मायावती ने आरक्षण को लेकर अपनी नीति को और स्पष्ट करते हुए कांग्रेस व अन्य दलों को एक बार फिर घेरा। एक्स पर पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि बीएसपी में रहते हुए जो लोग कांग्रेस की तरह एससी/एसटी के वर्गीकरण व क्रीमी लेयर के पक्षधर हैं, और बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर की मिशनरी सोच नहीं रखते हैं, तो उनका पार्टी में कोई स्थान नहीं है। एक के स्वार्थ में बाकी पूरे बहुजन समाज के हित की उपेक्षा करना ठीक नहीं है। ऐसी मानसिकता के लोग यदि पार्टी को छोड़कर खुद ही चले जाते हैं, या उन्हें अलग कर दिया जाता है, तो यह बीएसपी पार्टी व मूवमेंट के हित में उचित होगा। वैसे भी इसकी आड़ में अब कांग्रेस के आइएनडीआइए गठबंधन की फूट डालो, राज करो की रणनीति नहीं चलेगी। लोग सजग रहें।

मायावती ने यह भी लिखा कि एससी /एसटी आरक्षण के वर्गीकरण व क्रीमी लेयर का मुद्दा इन वर्गों को बांटने वाला भी है, जबकि बसपा का मूवमेंट जाति के आधार पर सदियों से सताए गए इन लोगों को जोड़कर ’बहुजन समाज’ बनाने का रहा है। इससे कोई समझौता संभव नहीं है। पार्टी इस मुद्दे को लेकर अति-गंभीर है।

मायावती ने कहा कि कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु की सरकारें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले से ही वहां एससी व एसटी को बांटने की राजनीति कर रही हैं, वह ठीक नहीं है। खासकर कांग्रेसी सरकारों का रवैया इस मामले में अति निंदनीय है।