एक मई विश्व के कई देशों और प्रमुख कंपनियों ने कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत को दी जानी वाली आपातकालीन सहायता संबंधी वस्तुओं के उत्पादन एवं आपूर्ति को गति प्रदान की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने प्रशासन को महामारी के इस संकट काल में भारत को हरस्भव सहायता मुहैया कराने को कहा है। साथ ही आश्वासन दिया है कि अमेरिका भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
अमेरिकी सहायता के तहत डलास अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से एक और विमान चिकित्सा सहायता सामग्री लेकर नयी दिल्ली रवाना हुआ है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, एन-95 मास्क और टीके के उत्पादन में उपयोग होने वाली सामग्री शामिल है। इससे पहले शुक्रवार को चिकित्सा सामग्री एवं उपकरण लेकर दो विमान भारत पहुंचे थे।
सिंगापुर ने भी शनिवार को तीन क्रायोजेनिक तरल ऑक्सीजन टैंकर भारत भेजे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर के अपने समकक्ष को फोन कर सहायता के लिए आभार जताया।
वहीं, भारत में चीनी राजदूत सुन वीडोंग ने कहा कि चीन ने भारत की तरफ से ऑर्डर किए गए 40,000 और ऑक्सीजन सांद्रक के उत्पादन एवं आपूर्ति को लेकर प्रयास तेज किए हैं।
उधर, प्रमुख अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने भारत को 20 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र एवं 20 क्रायोजेनिक कंटेनर दान करने की घोषणा की है। साथ ही कंपनी ने महामारी से निपटने में सहायता के तौर पर गैर-सरकारी संगठनों को 20 लाख डॉलर की राशि प्रदान करने की बात भी कही है।
इस बीच, रूस ने कोविड-19 की रोकथाम के मद्देनजर भारत के साथ सहयोग को विस्तार देने का आह्वान किया है।
रूसी कोविड-19 टीके स्पूतनिक-वी की 1,50,000 खुराक की पहली खेप भारत पहुंचने के बीच शनिवार को रूस ने कहा कि महामारी की रोकथाम के वास्ते वह भारत के साथ द्विपक्षीय एवं पारस्परिक सहयोग को विस्तार देने को उत्सुक है।
भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने कहा कि वैश्विक टीकों में स्पूतनिक टीके की प्रभाव क्षमता उच्च है और यह टीका वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावी होगा।