ड्रेस डिजाइनर मनीष मल्होत्राकी गिनती भारत के टॉप डिजाइनर्स में होती है. उन्होंने कई बॉलीवुड सेलीब्रिटीज के लिए भी ड्रेस डिजाइन की है. कियारा आडवानी, करण जौहर, अर्जुन कपूर, श्रीदेवी, प्रियंका चोपड़ा और सारा अली खान जैसे नाम जो फिल्म इंडस्ट्री की टॉप लिस्ट में शुमार हैं, मनीष मल्होत्रा द्वारा डिजाइन की हुई ड्रेस कैरी कर चुके हैं. रैंप और रेड कार्पेट पर भी कई बार फ़िल्मी हस्तियां और मॉडल्स उनके डिजाइन किए हुए कपड़े पहनकर कैटवॉक कर चुके हैं. आज भले ही मनीष मल्होत्रा का नाम टॉप डिजाइनर की फेहरिस्त में शामिल है लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें खुद को प्रूफ करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. आइए जानते हैं उनके संघर्ष की दास्तान…
मनीष मल्होत्रा ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को एक इंटरव्यू में अपने करियर के शुरुआती सफर और संघर्ष की दास्तान बताई है. मनीष ने बताया कि उनकी परवरिश एक पंजाबी परिवार में हुई है. उनकी मां ने शुरू से ही उनका काफी साथ दिया. हालांकि पढ़ाई में उनका मन कम ही लगता था तो स्टडी बेहतर नहीं चली. लेकिन उन्हें फ़िल्में देखने का शौक शुरू से ही था. जैसे ही कोई नई मूवी रिलीज होती थी मनीष उसे देखने हॉल में जरूर जाते थे. उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि कला में उनकी खासी दिलचस्पी थी. यही वजह थी कि क्लास 6th से ही उन्होंने पेंटिंग सीखनी शुरू कर दी थी. जब उनकी मां शॉपिंग करने जाती थीं तो वो मां के लिए साड़ी सेलेक्ट करने में उनकी मदद करते थे. इस काम में उन्हें काफी मजा आता था. धीरे धीरे ये उनका पैशन बनता गया.डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने बताया कि कॉलेज के दिनों में उन्होंने मॉडलिंग करने के साथ ही पैसे कमाने के लिए एक बुटीक में काम करना शुरू कर दिया था. बुटीक में काम करते हुए ही उन्होंने ड्रेस डिज़ाइनिंग की बारीकियों को सीखा. इस बुटीक ने उनकी तनख्वाह महज 500 रुपये थी. दरअसल, मनीष के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो विदेश जाकर फैशन डिजाइनिंग सीख सकें. इसलिए उन्होंने बुटीक में काम कर डिजाइनिंग का हुनर सीखने का रास्ता चुना. यही वजह है कि तनख्वाह का कम होना उन्हें कभी खला नहीं.