मनिका के राष्ट्रीय कोच पर लगाए आरोपों के समय पर टीटीएफआई ने सवाल उठाए

भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) ने स्टार खिलाड़ी मनिका बत्रा के राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय के खिलाफ उन्हें इस साल मार्च में ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट का मुकाबला हारने के लिए प्रभाव डालने की कोशिशों के आरोपों के समय पर सवाल उठाए हैं।
टीटीएफआई का कहना है कि मनिका पांच महीनों तक इस मामले पर क्यों खामोश रहीं अनुशासनहीनता की वजह से कारण बताओ नोटिस के बाद उन्होंने यह आरोप लगाए।

मनिका ने टोक्यो ओलंपिक में तीसरे राउंड में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनकर इतिहास रचा था। लेकिन उन्हें वहां ऑस्ट्रिया की सोफिया पोलकानोवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब मनिका ने टोक्यो में उनके निजी कोच संमय परांजपे को इजाजत नहीं मिलने के बाद एकल वर्ग के मैच के दौरान राष्ट्रीय कोच रॉय की मदद लेने से इंकार कर दिया था।

टोक्यो से वापस लौटने पर टीटीएफआई ने अनुशासनहीनता के आरोप में मनिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
टीटीएफआई के महासचिव अरुण बनर्जी ने आईएएनएस से कहा कि जब मनिका के कोच परांजपे को इजाजत नहीं मिली तो उनके लिए मनिका का मार्गदर्शन करने का कोई रास्ता नहीं बचा था।

बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय कोच रॉय से मनिका के आरोपों पर जवाब देने के लिए कहा गया है वह अपना जवाब सोमवार तक भेज देंगे।
महासचिव ने कहा कि टीटीएफआई ने हमेशा से खिलाड़ियों के हित को देखा है, इसलिए जब मनिका ने उनके कोच परांजपे को टोक्यो साथ ले जाने की इजाजत मांगी तो हमने तुरंत ऐसा किया।

बनर्जी ने कहा, अगर किसी खिलाड़ी को लगता है कि वह अपने निजी कोच के साथ रहने से बेहतर कर सकता है तो हमें क्यों परेशानी होगी।उन्होंने मनिका के पांच महीनों तक चुप रहने के लॉजिक पर सवाल उठाए। बनर्जी ने कहा, वह इतने लंबे समय तक शांत क्यों रहीं? उन्होंने तब आरोप लगाए जब हमने उन्हें अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा। मनिका ने यह हमें मार्च में क्यों नहीं बताया? क्या चीज उन्हें ऐसा करने से रोक रही थी?