बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं, खासकर जब वो टीनएज में हो। इस उम्र में बच्चों को बात समझाना और उनकी बात समझना सबसे मुश्किल काम होता है। ऐसे में पेरेंट्स को कुछ खास बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। आज हम आपको कुछ आसान से टिप्स देंगे, जिससे आप टीनएज बच्चों के सिर्फ घुल-मिलकर रह सकते हैं। साथ ही इससे आप उन्हें सही-गलत की पहचान भी करवा सकते हैं।
साथ में थोड़ा वक्त बिताएं
टीनएज बच्चों के साथ थोड़ा वक्त बिताएं। उनसे दिनभर के बारे में जाने। इससे ना सिर्फ आपका रिश्ता मजबूत होगा बल्कि वो आपसे दोस्त की तरह हर बात भी शेयर करेंगे।
कम बोलें और ज्यादा सुनें
पेरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चों के साथ बात करते हुए सिर्फ अपनी बातें ही ना सुनाएं बल्कि उनकी भी सुनें। इससे वो भी आपसे बात करने में इंटरेस्ट दिखाएंगे।
हर समय उपदेश के मूड में न रहें
टीनएज में बच्चे थोड़े सेंसटिव होते हैं। ऐसे में उन्हें हर वक्त सिर्फ लैकचर ना दें। हर वक्त उपदेश सुन-सुनकर बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं। बच्चों के नजरिए से देखने की कोशिश करें।
बच्चों पर नजर रखें लेकिन आजादी भी दें
बच्चों पर नजर रखना और ध्यान देना दोनों अलग-अलग बातें है। उनपर ध्यान रखें लेकिन उनके खुलकर जीने की आजादी भी दें। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि वो अपनी मनमानी कर सकते हैं। उन्हें बताए कि क्या सही है और क्या गलत।
ईमानदारी से करें तारीफ व मोटिवेशन
अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करते रहते हैं जबकि ऐसा करना गलत है। अगर आपका बच्चा कोई अच्छा काम कर रहा है तो ईमानदारी से उसकी तारीफ भी करें।
बच्चों को डांटे नहीं
कई बार बच्चों के पढ़ाई पर ध्यान न देने या कोई गलत काम करने पर आप उन्हें डांट देते है, जिससे कि बच्चें उन्हें नैगिटिव तरीके से ले लेते है इसलिए कभी भी उन्हें डांटे नहीं बल्कि प्यार से समझाए।
जब मैं तुम्हारी उम्र की थी…
अपने टीनएज बच्चें से कभी ये न कहें कि जब में तुम्हारी उम्र की थी तो में आज्ञाकारी और संस्कारी थी। कुछ बच्चे ऐसी बातों को सुनकर सोचते है कि शायद आप उन्हें ताना दे रहें हो और वो इस बात को नैगिटिव तरीके से ले लेते है।