मैनपुरी लोकसभा और रामपुर व खतौली विधानसभा सीट पर प्रत्याशी चयन के मामले में भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। मंगलवार को पार्टी द्वारा तीनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने की संभावना है। वहीं मैनपुरी सीट पर भाजपा सपा के सामने कड़ी चुनौती पेश करने की तैयारी में है। पार्टी ने जमीनी स्तर पर इसकी कवायद शुरू भी कर दी है।
आगामी पांच दिसंबर को मैनपुरी लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है। सबकी निगाहें मैनपुरी और रामपुर में लगी हैं। यूं तो यह सपा की परंपरागत सीट रही है मगर भाजपा इस बार सपा मुखिया को उनके घर में घेरने की व्यूह रचना में जुटी है। पार्टी ने मैनपुरी और खतौली में क्रमश: शाक्य और सैनी के रूप में पिछड़े वर्ग से प्रत्याशी उतारने का लगभग मन बना लिया है। 17 नवंबर तक नामांकन होने हैं। ऐसे में पार्टी मंगलवार तक प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर सकती है।
उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष इन दिनों पश्चिमी यूपी के दौरे पर हैं। गत दिवस मुजफ्फरनगर में प्रवास के दौरान उन्होंने पार्टीजनों संग निकाय चुनाव के साथ-साथ खतौली सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चर्चा की। भाजपा विधायक विक्रम सैनी को सजा के चलते रिक्त हुई इस सीट को पार्टी बरकरार रखना चाहती है। रामपुर सीट भी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी के गृह जिले से करीबी सीट है। ऐसे में उसे जीतने को भी पार्टी पूरा जोर लगाएगी। मैनपुरी लोकसभा सहित तीनों ही सीटों पर भाजपा का फोकस सामाजिक समीकरण साधने पर है। पार्टी जानती है कि यदि मैनपुरी में सफलता मिली तो उसकी गूंज 2024 तक सुनाई देगी।